July 3, 2025

संवाददाता।
कानपुर। नगर मे आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप डिपार्टमेंट ने एक खास तरह की डिवाइस तैयार की है। जिसकी मदद से देश के किसी भी हिस्से की पानी की गुणवत्ता की जांच की जा सकती है। इतना ही नहीं, जांच के बाद सरकार तक इसकी रिपोर्ट पल भर में पहुंचाई जा सकती है। इस डिवाइस का नाम जल गुणवत्ता विश्लेषण रखा गया है। इंक्यूबेटेड कंपनी क्लुक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के चीफ रेवेंयू ऑफिसर वीआर राजेश ने बताया, “2021 में इस डिवाइस को बनाना शुरू किया था। करीब डेढ़ साल में इस डिवाइस को तैयार किया गया। इस डिवाइस का प्रयोग अभी हरियाणा की सरकार कर  रही हैं। इसके अलावा टाटा ट्रस्ट, अंबुजा फाउंडेशन में इसका प्रयोग किया जा रहा हैं।” वीआर राजेश ने बताया, “इस डिवाइस में कई प्रकार के सेंशरों का प्रयोग किया गया है। इसको ब्लूटूथ, वाई-फाई व 2जी सिम से कनेक्ट कर सकते हैं। इसके बाद हम  एक डैश बोर्ड  बनाकर सरकार को देते है। इसके बाद सरकार की तरफ से यह डिवाइस जिसे भी दी जाती है  जब भी डिवाइस एक्टिव होगी उसकी सारी गतिविधियां डैश बोर्ड में सेव होती रहेगी। इसके लिए किसी को कोई रिपोर्ट भेजने की जरूरत नहीं होती है।” वीआर राजेश ने कहा, हमारी धरती पर 71 प्रतिशत हिस्सा पानी है, लेकिन इसके बावजूद मात्र 2.5 प्रतिशत पानी ही हमारे इस्तेमाल के लायक है। आने वाले समय में पानी की और समस्या देखने को मिलेगी। ऐसे में हम उस स्थान की परख कर सकते है जहां का पानी गंदा है और पीने योग नहीं है। इस डिवाइस को तैयार करने में कंपनी के फाउंडर रॉबिन सिंह व चित रंजन सिंह ने भी सहयोग दिया। कई बार सरकार सर्वे तो कराती है लेकिन उन तक सही रिपोर्ट नहीं पहुंच पाती है। लेकिन, इस डिवाइस का प्रयोग करने के बाद हम एक क्लिक में सरकार तक सारी जानकारी पहुंचा सकते हैं। इसमें एक बार डाटा सेव होने के बाद हमेशा के लिए बना रहता हैं। वीआर राजेश ने बताया, इसे आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप विभाग ने तैयार किया है। यह डिवाइस अपने तरह की देश की पहली डिवाइस है। जिसके माध्यम से देश के किसी भी हिस्से में जाकर पानी का टेस्ट कर सकते हैं और सरकार तक सारी जानकारी दे सकते हैं। 

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