
संवाददाता।
बदायूं। डबल मर्डर केस में 2 दिनों से फरार चल रहे आरोपी जावेद को पुलिस ने बरेली से गिरफ्तार कर लिया है। वह बरेली से पीलीभीत के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में था। उसका एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें वो कह रहा है, ‘मैं सरेंडर करने बरेली आया हूं। मेरा हत्याकांड से कोई लेना-देना नहीं है, जो किया है, वो मेरे भाई ने किया है। पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। जावेद और उसके भाई साजिद ने 19 मार्च की शाम बदायूं की बाबा कॉलोनी में 2 सगे भाइयों की जानवर काटने वाले चाकू से गला काटकर हत्या कर दी गई थी। बच्चों की उम्र 13 साल और 6 साल थी। वारदात से गुस्साई भीड़ ने जमकर हंगामा किया था। आरोपियों की बाइक और दुकान में तोड़फोड़ की थी। वारदात के 3 घंटे बाद पुलिस ने आरोपी साजिद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। 20 मार्च को मारे गए दोनों बच्चों का पोस्टमॉर्टम हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक, 13 साल के बच्चे के शरीर पर 9 घाव मिले, जबकि 6 साल के बच्चे के शरीर पर 11 घाव मिले हैं। दोनों के गले, हाथ, गर्दन, सीने और पेट पर चाकू से वार किए गए। बाबा काॅलोनी में रहने वाले विनोद कुमार पेशे से ठेकेदार हैं। वे यहां अपनी पत्नी संगीता और बच्चों के साथ रहते हैं। संगीता घर में ही अपना ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। विनोद वारदात के वक्त किसी काम से बाहर गए थे। इनके 3 बच्चे थे। विनोद कुमार ने 20 मार्च को एफआईआर में बताया था- मंगलवार शाम को घर के सामने सैलून की दुकान करने वाला साजिद, जावेद के साथ बाइक से आया। उस वक्त घर पर मेरी पत्नी संगीता और मां मुन्नी देवी और 3 बच्चे, जिनके नाम हैं-आयुष (13 वर्ष), पीयूष (9 वर्ष) और आहान (6 वर्ष) मौजूद थे। साजिद ने मेरी पत्नी से कहा कि उसकी पत्नी की डिलीवरी होनी है। डॉक्टर ने 11 बजे रात का समय दिया है। उस समय तक जावेद घर के बाहर खड़ा था। साजिद ने मेरी पत्नी से 5000 रुपए मांगे। जवाब में पत्नी ने कहा कि अभी लाकर देती हूं, तभी साजिद ने बेटे पीयूष से पुड़िया लाने को कहा। पीयूष पुड़िया लेने चला गया। फिर साजिद ने मेरी पत्नी से कहा-पता नहीं, आज मेरा मन घबरा रहा है। थोड़ी देर छत पर घूम लेता हूं। तभी पीयूष भी आ गया। उसने आयुष से पानी लाने को कहा। फिर उसने भाई जावेद को भी अंदर बुला लिया। जावेद-साजिद, आयुष, आहान और पीयूष को साथ लेकर छत पर चले गए। मेरी पत्नी संगीता पैसे लेने अंदर घर में चली गई। संगीता अंदर से पैसे लेकर बाहर आई, तो साजिद-जावेद जीने से उतर रहे थे। साजिद-जावेद के हाथ में खून से सनी हुई छुरी थी। उन्होंने मेरी पत्नी को देखते ही कहा कि आज मैंने अपना काम पूरा कर दिया है। यह देखकर संगीता घबरा गई। फिर चिल्लाने लगी। शोर सुनकर आस-पास के लोग आ गए। लोगों ने साजिद को पकड़ लिया। जावेद भाग गया। बाद में आरोपी साजिद खुद को किसी तरह छुड़ाकर फरार हो गया था। घटना से गुस्साए लोगों ने आरोपियों के सैलून में तोड़फोड़ की। सामान को सड़क पर फेंककर आग लगा दी। भीड़ ने मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाईवे पर जाम लगा दिया। घरवालों ने शव लेने आई एम्बुलेंस को भी वापस कर दिया। इसके बाद पैरामिलिट्री फोर्स बुलाई गई। तब जाकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। हाईवे से जाम खुलवाया गया। उधर, घटना की सूचना मिलने पर
एसएसपी आलोक प्रियदर्शी और डीएम मनोज कुमार भी मौके पर पहुंचे। अफसरों ने लोगों को समझा कर शांत कराया। घटना के बाद पुलिस अफसरों ने साजिद और जावेद की तलाश में तीन टीमें लगा दीं। सर्विलांस से उनकी लोकेशन ट्रेस की गई। इसके बाद पुलिस लोकेशन को ट्रेस करते हुए सिविल लाइन थाने के शेखूपुरा जंगल में पहुंची। वहां पर टीम को देखते ही आरोपी ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस की टीमों ने भी मोर्चा संभाला। जवाबी कार्रवाई में गोली चलानी शुरू की। इसी दौरान एक गोली साजिद के पैर में लग गई। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ज्यादा खून बहने से उसकी मौत हुई है। वह बाबापुरी इलाके का रहने वाला था। बच्चों की मां संगीता ने बताया, साजिद और जावेद बाइक से मेरे घर आए थे। जावेद बाइक लेकर बाहर खड़ा था। साजिद घर के अंदर आया। कहा कि भाभी मेरी पत्नी की डिलीवरी होनी है। वह अस्पताल में भर्ती है। मुझे 5000 रुपए दे दीजिए। मैंने साजिद को पैसे दे दिए। इसके बाद मैंने उससे कहा चाय पी लो। मैं चाय बनाने चली गई। साजिद ने मुझसे कहा कि मुझे घबराहट हो रही है। मैं थोड़ा छत पर टहल लेता हूं। छत पर जाकर साजिद ने मेरे दोनों बच्चों की हत्या कर दी। हत्या का क्या कारण है पता नहीं है। मेरा उन लोगों से कोई विवाद नहीं है। मृतक बच्चों की दादी मुन्नी देवी ने बताया कि साजिद-जावेद घर आए और मुझसे बात करने लगे। मैंने उनसे बैठने को कहा और अंदर चाय बनाने चली गई। तभी बीच वाला पोता चिल्लाते हुए भागकर मेरे पास आया। बोला- अम्मा ऊपर जाकर देखो। मैं ऊपर गई, तो उन लोगों ने गेट बंद कर लिया। उनके पास एक बड़ा- सा चाकू था। वो हमको भी मार देता, लेकिन मैं किसी तरह से बच गई। मैं जब तक चिल्लाकर लोगों को बुलाती, तब तक दोनों घर से भाग गए। हमें कुछ नहीं पता कि उसने बच्चों को क्यों मारा? बच्चों के पिता विनोद कुमार का कहना है, “मेरी आरोपियों से कोई दुश्मनी नहीं थी। मैं तो उन्हें जानता तक नहीं। पता नहीं उन्होंने ऐसा क्यों किया?”