
संवाददाता।
कानपुर। नगर में आचार संहिता प्रभावी होते ही जिला निर्वाचन अधिकारी ने सतर्कता बरतने और निगरानी तेज करने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को नवीन सभागार में डीएम ने लीड बैंक मैनेजरों के साथ बैठक करते हुए कहा कि बैंक अकाउंट में एक लाख रुपए से ज्यादा के संदिग्ध लेनदेन की जानकारी बैंकों को एलडीएम के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी को देनी होगी। नामांकन से पूर्व निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को नया खाता खोलना होगा। चुनाव के दौरान किसी भी व्यक्ति के खाते से नकद की प्रतिदिन सन्देहास्पद निकासी पर सभी बैंकों द्वारा अपनी रिपोर्ट चुनाव अधिकारी को देनी होगी।डीएम ने बताया कि असामान्य व संदेहास्पद नकद निकासी या निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान एक लाख से अधिक की धनराशि अचानक ही बैंक अकाउंट में जमा या निकाली जाने लगे जो बीते दो माह के दौरान न हुई हो, ऐसे लेनदेन को संदिग्ध माना जाएगा। चुनाव के दौरान जिला निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न व्यक्तियों के बैंक खाते में एक ही बैंक खाते से आरटीजीएस द्वारा रकम का लेनदेन पर भी निगरानी रखी जाएगी। डीएम ने बताया कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के खातों में एक लाख से अधिक की नगदी जमा या निकाली गई होगी तो उसे भी संदेहास्पद लेनदेन की श्रेणी में माना जाएगा। यदि बैंक में 10 लाख रुपए से अधिक का संदिग्ध लेनदेन होता है तो आयकर विभाग के नोडल अधिकारियों को सूचना दी जाए। चुनाव के दौरान राजनीतिक पोस्टर छापने पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। जिले के सभी प्रिंटिग प्रेस मालिकों के साथ डीएम ने बैठक कर नियमों के बारे में जानकारी दी। सख्त हिदायत दी कि निर्वाचन पम्पलेट में प्रिंटिंग प्रेस की पूरी जानकारी हर एक पोस्टर में छपी होनी चाहिए। पम्पलेट या पोस्टर राज्य की राजधानी में छपा है तो मुख्य निर्वाचन अधिकारी को और यदि जिले में छपा है तो जिला मजिस्ट्रेट को सूचना देना अनिवार्य है। नियमों का उल्लंघन करने पर 6 महीने तक कारावास या जुर्माना जिसे 2000 हजार रुपए तक बढ़ाया जा सकता है। धर्म, वंश, जाति, समुदाय, भाषा या जिसमें कोई ऐसे अवैध विरोधी के चरित्र हनन इत्यादि के आधार पर अपील जैसे किसी ऐसे दस्तावेज आपराधिक या अपत्तिजनक हो तो सम्बन्धित व्यक्ति के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के पोस्टर, होर्डिंग छापने पर पूरी तरह रोक है।