July 3, 2025

संवाददाता।
कानपुर। नगर के मेडिकल कॉलेज के नाम अब एक और उपलब्धि जुड़ गई है। यहां पर छोटी आंत की बीमारियों का भी आसानी से पता लगाया जा सकता है। इसके लिए सिंगल बलून इंट्रोस्कॉपी के माध्यम से छोटी आंत तक पहुंच कर मरीज की बायोप्सी ली जा सकती है। कानपुर मेडिकल कॉलेज के गैस्ट्रोइनोलॉजिस्ट डॉ. विनय कुमार ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि अब छोटी आंत से संबंधित हर बीमारियों का पता लगाना आसान हो गया है। प्रदेश का यह पहला मेडिकल कॉलेज है, जहां पर इस इस अधुनिक मशीन से बीमारी का पता लगाया जा रहा हैं। डॉ. विनय कुमार ने बताया कि कानपुर के बिराहना रोड निवासी 42 साल के एक व्यक्ति को पेट दर्द की पिछले 5 सालों से समस्या थी। कई जगह इलाज कराया लेकिन फायदा नहीं मिला। कभी-कभी दर्द इतना तेज होता था की भर्ती होना पड़ता था और पेन किलर के इंजेक्शन लेने पड़ते थे, लेकिन कोई भी डॉक्टर मर्ज नहीं पकड़ पाया।  कुछ दिन पूर्व ही वह मरीज हमारे पास आया तो यहां पर सबसे पहले उसका सीटी स्कैन कराया गया। सीटी स्कैन किया तो आशंका हुई की छोटी आंत की आखिरी हिस्से में कुछ दिक्कत है। इसके बाद सिंगल बैलून इंट्रोस्कॉपी के माध्यम से हम लोग उस हिस्से तक पहुंचे जहां तक पहुंचना अभी नामुमकिन था, लेकिन इसके माध्यम से हम लोगों ने मरीज की छोटी आंत पर पहुंचे तो वहां पर पता चला कि उसकी आंत सिकुड़ी है। फिर वहां से बायोप्सी भी की  है। अब बायोप्सी रिपोर्ट आने के बाद आगे का इलाज शुरू किया जाएगा। डॉ. विनय कुमार ने बताया कि अभी छोटी आंत तक पहुंचना बड़ा मुश्किल होता था, लेकिन सिंगल बैलून इंट्रोस्कॉपी सवा दो मीटर की लंबी है। इसके आगे के हिस्से में हम लोग एक ट्यूब लगाते हैं, फिर उसके माध्यम से धीरे-धीरे आंत के आखिरी छोर तक पहुंच जाते हैं। अभी तक इतनी लंबी और इतनी आधुनिक मशीन किसी भी मेडिकल कॉलेज के पास नहीं थी। बाहर यह जांच 20,000 से कम नहीं होती है, लेकिन यहां पर मात्र 150 रुपये में यह  जांच  की जा रही है। डॉ. विनय कुमार ने बताया कि अभी तक यह जांच लखनऊ पीजीआई, संजय गांधी जैसे अस्पतालों में ही होती थी, लेकिन अब मरीजों को वहां जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कानपुर के अलावा आसपास के जिलों के लोग यह  जांच कम पैसों में यहां करा सकेंगे। 

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