
संवाददाता।
कानपुर। नगर में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही चुनाव आचार संहिता प्रभावी हो गई है। इसके साथ ही नई योजनाओं और विकास कार्यों की घोषणाओं पर भी विराम लग गया है। चुनाव की तिथि की घोषणा से पूर्व हुये टेंडर, अनुबंध और शुरू हुए विकास कार्यों के अलावा अन्य नए कार्यों पर रोक लग गई है। इन कार्यों की जिला प्रशासन ने अब मॉनिटरिंग करना भी शुरू कर दिया है। जिला निर्वाचन अधिकारी व डीएम राकेश कुमार सिंह ने नगर निगम, केडीए समेत सभी विभागों से उनके ऐसे कार्यों की सूची मांगी है। जो या तो शुरू हो गये हैं या फिर चुनाव के फेर में फंस गए हैं। विभागों को अगले 72 घंटों में सूची उपलब्ध करानी होगी। लोकसभा चुनाव को लेकर पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, केडीए, जलकल समेत सभी विभागों ने एक महीने पहले से ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। विभिन्न विभागों ने 400 करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास कार्यों के टेंडर जारी किए । लेकिन समय के साथ कई ऐसे विकास कार्यों की कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकीं जिसके फेर में काम अटक गए। नगर निगम अकेले करीब 122 करोड़ रुपए के विकास कार्य कराने जा रहा है। ऐसे में अब चुनाव आयोग के निर्देशानुसार डीएम राकेश कुमार सिंह ने, केडीए, राज्य सेतु निर्माण निगम, गंगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, निचली गंग नहर, डूडा, केस्को, नगर निगम, आवास एवं विकास परिषद, कानपुर मेट्रो, एनएचआई, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग से उनके द्वारा कराए जा रहे कार्यों व रुके कार्यों समेत चार प्वाइंट पर जानकारी मांगी है। चौथे चरण यानि 13 मई को वोटिंग होनी है। चुनाव आयोग ने ऐसे विकास कार्यों की जानकारी मांगी है। जिनके कार्य या तो शुरू हो गए हैं या किसी कारणवश रुक गए हैं। प्रशासन को इनकी रिपोर्ट 72 घंटे के अंदर देनी होगी।