संवाददाता।
कानपुर। नगर की गैंगस्टर कोर्ट से फरार हुए शातिर को पुलिस ने दोबारा बाबा घाट सिविल लाइंस से अरेस्ट कर लिया है। शातिर के पास से कंट्रीमेड पिस्टल और कारतूस भी बरामद हुए हैं। कोर्ट में पेश करने के बाद गैंगस्टर को जेल भेज दिया गया। फरार अपराधी को पकड़ने वाली टीम को डीसीपी ने 25 हजार रुपए का इनाम दिया है। डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि 28 मार्च को कोर्ट में पेशी के दौरान गैंगस्टर सोनू सिंह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। मामले में कोतवाली थाने में FIR दर्ज करके शातिर गैंगस्टर की तलाश की जा रही थी। जांच में जुटी पुलिस को कानपुर में त्रिनेत्र योजना के तहत लगवाए गए सीसीटीवी फुटेज से अहम साक्ष्य मिले। इसके बाद पुलिस ने शुक्रवार को गैंगस्टर सोनू सिंह को बाबा घाट सिविल लाइंस से अरेस्ट कर लिया। शातिर के पास तलाशी में एक कंट्री मेड पिस्टल और कारतूस बरामद हुआ है। शातिर कोर्ट से भागने के बाद देर रात रुपए का इंतजाम करने के लिए अपने नजदीकियों के पास पहुंचा था। इन्हीं से पुलिस को खास सुराग मिला। इसके बाद पुलिस ने गैंगस्टर सोनू सिंह को बाबा घाट से दबोच लिया। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जा रहा है। सन 1999 में जूही थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट की धारा में सोनू सिंह के अलावा रवि अवस्थी, लालजी शर्मा, संतोष, भानु प्रताप और मोहम्मद उसमान के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। भानु प्रताप और मोहम्मद उसमान की फाइल अलग चल रही है। बाकी सोनू सिंह समेत चार आरोपियों के फाइल की एक ही में सुनवाई हो रही है। इसी मामले में जेल से सोनू सिंह और उसके साथियों को कोर्ट में पेश कराने के लिए लाया गया था। सोनू को पेश कराने की जिम्मेदारी हेड कॉन्स्टेबल अमरेश प्रताप सिंह और अमित कुमार को सौंपी गई थी। हाथों का बंधन खोलकर पुलिस उसे कोर्ट के अंदर दाखिल करती कि उससे पहले एकाएक भीड़ बढ़ गई और उसका फायदा उठाकर सोनू सिंह कोर्ट से भाग निकला था। एडिशनल सीपी हरीश चन्दर ने बताया, सोनू सिंह को गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल भेजने के बाद जमानत हो गई थी। वह कोर्ट में पेश नहीं हो रहा था। धारा 82 की कार्रवाई के बाद पुलिस उसके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करने वाली थी। मगर उससे पहले उसकी पत्नी ने पुलिस की मदद कर आरोपी को गिरफ्तार करवा दिया था। 29 फरवरी से वह जेल में बंद था।