संवाददाता।
कानपुर। नगर में केडीए नाला ओवरफ्लो होने की वजह से उचटी, दीपपुर, टिकरा, छतमरा, गौरिया में 150 बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। जिससे किसानी का कार्य पूरी तरह से बंद हो गया है। यहां तक कई किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। डिसिल्टिंग का कार्य न होने की वजह से सीवेज ओवरफ्लो होकर खेतों में घुस रहा है। जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने नगर निगम व संबंधित विभागों को नाले की सफाई करने के निर्देश दिये हैं। सजारी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से संबद्ध केडीए नाला कई वर्षों से साफ नहीं हुआ है। जिसकी वजह से नाले में सिल्ट जमा हो गई है। क्योंकि सजारी एसटीपी के शोधित सीवेज को केडीए नाले के माध्यम से पांडु नदी में निस्तारित किया जाता है। सफाई न होने की वजह से सीवेज ओवरफ्लो होकर आस-पास के खेतों में पहुंच रहा है। क्षेत्रीय अधिकारी यूपीपीसीबी अमित मिश्रा ने बताया कि नरवल तहसील में लगे समाधान दिवस में यह शिकायत आई है। जिसमें बताया गया कि नाले में गंदगी की वजह से सीवर का पानी ओवरफ्लो होकर आस-पास के गावों में भर गया है। जिसकी वजह से यहां के किसान खेती कार्य नहीं कर पा रहे हैं। अमित मिश्रा ने बताया कि इस संबंध में नगर निगम को पत्र लिखकर कहा गया है कि 42 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से संबद्ध केडीए नाले से हो रहे ओवरफ्लो को तत्काल रोकने के साथ ही डिसिल्टिंग का कार्य किया जाये।