संवाददाता।
कानपुर। नगर में ई-बस चालक की मौत के बाद मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे 20 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। परिजन 10 लाख रुपए मुआवजा की मांग कर रहे हैं। दरअसल, अयोध्या में कानपुर से 80 ई-बसें भेजी गई हैं। इसमें कुइहार निवासी ड्राइवर सुरेंद्र पाल भी ई-बस लेकर गए थे। 21 फरवरी को तबीयत खराब हुई। पहले अयोध्या फिर लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्हें कानपुर कॉर्डियोलॉजी रेफर कर दिया गया। 26 फरवरी को उनकी मौत हो गई और मंगलवार को उनका पोस्टमॉर्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर चकेरी स्थित ई-बस चार्जिंग डिपो पहुंच गए। वहां पहले परिजनों ने शव रखकर हंगामा किया, इसके बाद चकेरी रोड जाम करने का प्रयास किया। परिजन बीते 20 घंटे से ज्यादा वक्त के बाद भी डिपो पर शव लेकर धरने पर बैठे हैं। वहीं पूर्व सांसद राजाराम पाल भी धरने पर बैठे हैं। पीड़ित के भाई महेंद्र पाल ने बताया कि 8 घंटे की ड्यूटी होती है, लेकिन अयोध्या में भाई से 24-24 घंटे की नौकरी कराई गई। 17 जनवरी को ई-बस के साथ अयोध्या भेजे गए थे। फोन कर उन्होंने बताया था कि तय वक्त से ज्यादा ड्यूटी कराई जा रही है। छुट्टी भी नहीं दी जा रही है। कंपनी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई मदद तक नहीं की।विरोध-प्रदर्शन की सूचना पर मौके पर पहुंचे पूर्व सांसद राजाराम पाल और सपा पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला कांग्रेस से नीतम सचान, बीएसपी मंडल कोऑर्डिनेटर अनिल पाल भी परिजनों के साथ धरने पर बैठ गए हैं। सभी की मांग है कि परिजनों को मुआवजा दिया जाए। मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद है।