संवाददाता।
कानपुर। नगर में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के इंस्टीट्यूट ऑफ फाईन आर्ट्स में तीन दिवसीय कैलीग्राफी कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने कार्यशाला के महत्व को बताते हुए भविष्य में छात्र छात्राओं के लिए कितना उपयोगी होने वाला है, इसके बारे में बताया गया। कार्यशाला में प्रसिद्ध कैलीग्राफर विजय कुमार वर्मा ने इसके इतिहास, विशेषता एवं वर्तमान में उपयोगिता के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति में चाहे पांडुलिपियों का विकास हो या फिर पोथी चित्रण, लघुचित्रण सभी में कैलीग्राफी या सुलेखन का अंकन मिलता है। साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान में भी इसकी महत्ता बनी हुई है और कई समकालीन चित्रकार अपने पेंटिंग्स में इसका प्रयोग कर रहे हैं। वर्तमान में पेंटिंग्स के साथ साथ व्यवसायिक कला में भी कैलीग्राफी का नए और आकर्षक तरीके से उपयोग हो रहा है। उन्होंने विद्यार्थीओं को प्रैक्टिकल कराकर उसकी बारीकियों को बताया। विभाग के प्रभारी राज कुमार सिंह ने बताया कि कार्यशाला चित्र एवं सुलेखन का सुंदर समंवय है और वर्तमान में इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है। इस अवसर पर विभाग के सभी शिक्षक एवं 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। छात्र-छात्राओं ने अपने सवालों के जवाब कैलीग्राफर विजय कुमार वर्मा से किए। उन्होंने सवालों के जवाब देकर सभी की जिज्ञासाओं का शांत किया। विभाग के छात्रों ने कैलीग्राफी के क्षेत्र में भविष्य के बारे में क्या-क्या रास्ते खुल सकते है, इसके बारे में जाना।