संवाददाता।
कानपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के बाद भी आईजीआरएस में आने वाली शिकायतें गुणवत्तापूर्ण तरीके से निस्तारित नहीं की जा रही हैं। गुरुवार को कलेक्ट्रेट में आईजीआरएस में आने वाली शिकायतों को फीडबैक सेशन का आयोजन किया गया। 5 एडीएम और 6 एसीएम ने 55 शिकायतों की रैंडम जांच की। जिसमें शिकायतकर्ताओं से बात की गई, जिसमें 36 शिकायतकर्ताओं ने बताया कि निस्तारण ठीक तरीके से नहीं किया गया। प्रत्येक अधिकारी ने 5-5 शिकायतों का फीडबैक लिया। रैंडम आधार पर चिन्हित 55 शिकायतों में कुल 24 विभागों (राजस्व विभाग, नगर निगम, बेसिक शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग, विद्युत विभाग, चिकित्सा विभाग, माध्यमिक विभाग, विधिक माप व बॉट, मत्स्य विभाग, सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, कृषि विभाग,, विकास प्राधिकरण, महिला कल्याण विभाग, उपायुक्त श्रम विभाग, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक युनानी अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, खाद एवं रसद विभाग, निबन्धन विभाग, अल्पसंख्यक एवं वक्फ, आवास विकास परिषद, खनन विभाग, औषधि विभाग, दिव्यांग विभाग) की शिकायतें सम्मिलित की गईं। कुल 19 लोगों द्वारा संतोषजनक फीड बैक दिया गया और 18 विभागों द्वारा निस्तारित रिपोर्ट के संबंध में 36 लोगों द्वारा असंतोषजनक फीड बैक दिया गया। कुल 32 निस्तारण आख्याओं को जांच के बाद अस्वीकार कर दिया गया। डीएम विशाख जी ने बताया कि जिस विभाग की शिकायतों का निस्तारण ठीक तरीके से नहीं किया गया, उन अधिकारियों या विभाग के नोडल अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। आईजीआरएस में आने वाली शिकायतों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।