संवाददाता।
कानपुर। आईआईटी में लगातार सुसाइड के मामले में आखिरकार शनिवार शाम को छात्र-छात्राओं का गुस्सा फूट गया। पहले स्टूडेंट्स ने कैंडल मार्च निकाला फिर एक जगह इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया। वहीं, संस्थान ने मीडिया कर्मियों के अंदर जाने पर भी रोक लगा दी है। एक वीडियो भी सामने आया हैं, जिसमें गार्ड बोल रहा है कि मीडिया की एट्री नहीं है, जब तक अंदर से आदेश नहीं आता है तब तक एंट्री नहीं होगी। छात्र-छात्राओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि बच्चों का उत्साह वर्धन करने के लिए और भी कई तरीके हो सकते हैं, लेकिन संस्थान के अंदर प्रोफेसर टर्मिनेशन की बात ही कहते हैं। इससे होनहार छात्र-छात्राएं भी डर जाते हैं। उनके मन में एक ही बात गूंजती है ‘टर्मिनेशन’। अगर अच्छे ग्रेड लाने के लिए प्रेरित करना है तो उसके और भी तरीके अपनाए जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि छात्रों ने यह भी बात रखी है कि संस्थान के अंदर सीनियर और जूनियर के बीच के संबंध अच्छे नहीं है। इसके अलावा गाइड और छात्रों के बीच संबंध कभी ठीक नहीं रहे है। हमेशा इनके संबंधों में खटास रहती है। वहीं, कोई भी बच्चा किसी भी प्रोफेसर से खुलकर बात तक नहीं कर पता है। उन्होंने इस विषय में मास्टर मॉनिटरिंग कमेटी गठित करने की मांग की है। संस्थान ने मीडिया पर पूरी तरह से अंदर जाने पर बैन लगा दिया है, जबकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। अगर मीडिया को किसी प्रोफेसर से बात करनी होती है तो वह मीडिया सेल के माध्यम से उन्हें मेल करके अंदर जा सकता था।लेकिन अब हर तरीके से यहां पर मीडिया के लिए रोक है। गेट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड मीडिया का नाम सुनते ही उन्हें घेर लेते हैं। वहीं इस विषय में आईआईटी कानपुर का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस विषय में बोलने को तैयार नहीं है। वहीं, अब मीडिया सेल भी बात करने से बच रही है।