September 20, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में सरकारी विभाग में तैनात प्राइवेट सफाई कर्मी ने ऐसा कारनामा कर डाला कि अधिकारियों तक की हालत खराब हो गई। विकास भवन में तैनात सफाई कर्मी मोहन ने शराब पीने के लिए सरकारी फाइलों को कबाड़ी को बेच दिया। जो फाइलें कबाड़ी को बेची उसमें यूपीनेडा, समाज कल्याण विभाग की कई फाइलें, वृद्धा पेंशन, पारिवारिक लाभ के आवेदन पत्रों के कई बंडल थे। यह मामला तब खुला जब गुरुवार को यूपी नेडा कार्यालय में दोपहर के समय में मोहन सफाई करने गया था। उसी समय कार्यालय में रखीं दो फाइलों के बंडल बोरी में भर रहा था, तभी विभाग का कर्मचारी आ गया और उसने पकड़ लिया। उसने फाइलें छुड़ाकर कार्यालय में रखीं और फटकार लगाई। सफाई कर्मी से पूछताछ के बाद पता चला कि इससे पहले भी फाइलें और फार्म कबाड़ में बेच चुका है। सफाई कर्मी ने बताया, वह शराब पीने का आदि है। इसलिए वह अक्सर यहां से फाइलें बेचता था। तेज आवाज सुनकर आसपास विभाग के कर्मचारियों की भीड़ जमा हो गई।यूपी नेडा कार्यालय के बगल में बनें समाज कल्याण विभाग के कंप्यूटर कक्ष में लंबे समय से वृद्धा पेंशन के आवेदन पत्रों के बंडल गायब थे, जिन्हें खोजा जा रहा था। इसके बारे में जब सफाईकर्मी से पूछा तो बताया कि वहां की भी कई फाइलें कबाड़ में बेच आया। इससे अन्य विभाग के कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया। समाज कल्याण विभाग के बाबू सफाई कर्मी को लेकर शाम को कबाड़ी के यहां पहुंचे तो मौके पर वृद्धा पेंशन और पारिवारिक लाभ योजना के दो बंडल ही मिले। विभागों की कितनी फाइलें और फार्म बेच डाले इसकी किसी को भनक तक नहीं है। अब सफाई कर्मी भी गायब है उसका कोई पता नहीं चल पा रहा है। मामले में सीडीओ सुधीर कुमार ने बताया कि इस तरह की लापरवाही अगर हुई है तो कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद एफआईआर दर्ज होगी। अब विभाग के अफसर खुद की नाकामी छिपाने के लिए कुछ जानकारी न होने की बात कह रहे हैं। विकास भवन में ज्यादातर अधिकारियों के कमरों की सफाई करने के लिए विभाग का कोई सफाई कर्मी नहीं है। बाहरी व्यक्ति से कार्यालयों में सफाई कराई जाती है। हालात ये हैं कि सफाई के दौरान कोई भी कर्मचारी कार्यालय में नहीं रहता है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *