July 27, 2024

संवाददाता।
कानपुर।
जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर में आज नौवे पार्थो प्लास्टिक कोर्स का आयोजन किया गया। यह आयोजन उत्तर प्रदेश ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन की ओर से किया गया। इसमें बताया गया की पूरे भारतवर्ष में अस्सी प्रतिशत वृद्ध घुटने की बीमारी से पीड़ित है। इसके अलावा तीस से चालीस प्रतिशत युवा भी इससे पीड़ित है। दिल्ली अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. राजेश मल्होत्रा ने बताया कि आज की जीवन शैली में इतना बदलाव होने के कारण ही लोग घुटने की बीमारी से पीड़ित हो गए हैं। मोटापा बढ़ने की वजह से लोगों को घुटने की बीमारी अधिक हो रही है। मोटे लोगों को ज्यादा सीढ़ियां नहीं चढ़नी चाहिए और ना ही उन्हें जमीन पर बैठना चाहिए। अगर आप 24 घंटे में 15 मंजिल सीढ़ियां चढ़ते हैं तो यह आपके लिए सबसे खतरनाक है। आज के युग में गठिया का इलाज संभव है। इसलिए इस बीमारी से डरना नहीं चाहिए, बल्कि समय पर इसका इलाज शुरू कर दे तो 100% मरीजों को आराम मिल सकता है। आपके शरीर का जितना वजन होता है उसका 7 से 10 गुना वजन आपके घुटनों पर पड़ता है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के समय लोगों ने एस्टेरॉइड अधिक लिया, जिसका असर अब देखने को मिल रहा है। कोरोना के बाद से घुटने के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ गई है। खून को पतला करने के लिए लोगों ने एस्टेरॉइड का प्रयोग किया और अब उनके लिए यह समस्या बन गई है। वर्तमान में घुटने के 7 गुना मरीज बढ़ चुके हैं। एल्कोहल पीने वालों के अंदर भी यह दिक्कतें होती हैं, लेकिन उनके अंदर यह दिक्कतें इतनी जल्दी बढ़ती नहीं है, जितना कोरोना वाले मरीजों में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि पहले ही ऑपरेशन में मरीज को सफलता मिल जाए, ताकि उसका ऑपरेशन दोबारा ना करना पड़े। वृद्ध लोगों का ऑपरेशन करने में इतनी दिक्कत नहीं आती है, जितनी दिक्कत युवाओं में आती है। इसलिए युवाओं में छोटे-छोटे जॉइंट डाले जाते हैं और वायरिंग बहुत हार्ड डाली जाती है ताकि यह जॉइंट टूटे ना और वायरिंग लंबे समय तक चले। रोबोट टेक्नोलॉजी का प्रयोग बहुत ही कारगर साबित हुआ है। सीएससी तमिलनाडु के डॉ. अनिल ओमान ने कहा कि अब बेहतर टेक्नोलॉजी आ गई है, जिसके माध्यम से हम गठिया जैसी बीमारियों को जल्द ठीक कर सकते हैं यदि बच्चों में सुबह उठकर जोड़ों में दर्द या कभी-कभी बुखार आ जाने जैसी समस्या हो तो आप ऑर्थोपेडिक सर्जन से इसकी सलाह जरूर लें। शुरुआती दौर में अगर हम इसका इलाज शुरू कर दें तो सौ प्रतिशत बीमारी ठीक हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम दवा का प्रयोग ठीक समय पर और रेगुलर करते हैं। उसके साथ ही अपनी लाइफ स्टाइल में प्रतिदिन एक्सरसाइज को शामिल कर लेते हैं तो हम गठिया और जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियों से जल्द राहत पा लेंगे। हमको अपनी फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाना है। यदि फिजिकल एक्टिविटी नहीं बढ़ती है तो भी हमारे शरीर को नुकसान है।

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