संवाददाता।
कानपुर। नगर में आज केडीए की 137 वीं बोर्ड बैठक में कई बड़े और अहम फैसले लिए गए। केडीए सीमा के अंतर्गत कानपुर नगर, कानपुर देहात और उन्नाव जिले के 112 गांवों को शामिल किया जाएगा। इसका प्रस्ताव केडीए बोर्ड मीटिंग में पास कर दिया गया। इन गांवों के शामिल होने के बाद रिंग रोड और डिफेंस कॉरिडोर भी केडीए के दायरे में आएंगे। बोर्ड मीटिंग में 1 हजार 301 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया है। केडीए वीसी विशाख जी ने बताया कि केडीए के सीमा विस्तार में 3 जिलों की 27 हजार 194 हेक्टेअर जमीन आएगी। शासन की आपत्ति के बाद केडीए ने शुक्लागंज-उन्नाव प्राधिकरण के दायरे में आने वाले 5 गांव बंथर, पतारी, बरनी बिजलामऊ, पीपरखेड़ा, गदवाखेड़ा गांवों को हटा दिया गया है। अब ये गांव केडीए सीमा में नहीं आएंगे। कानपुर सदर तहसील के 2, नर्वल के 18, बिल्हौर के 40, कानपुर देहात जिले में अकबरपुर के 11, मैथा के 13 और उन्नाव जिले के सदर तहसील के 23 गांव केडीए के दायरे में आएंगे। कमिश्नर डा. लोकेश एम की अध्यक्षता में हुई बोर्ड मीटिंग में एक और बड़ा फैसला लिया गया। अब केडीए से आवंटित विवादित भूखंड के बदले लोग केडीए के फ्लैट भी ले सकेंगे। केडीए इसका प्रस्ताव भी आवंटी को देगा। केडीए की बोर्ड बैठक शुरू हो चुकी है। मेट्रो कॉरिडोर के दोनों तरफ 500 मीटर के दायरे में बने आवासीय व व्यावसायिक भवनों की ऊंचाई लोग बढ़ा सकेंगे। इसके लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) भी बढ़ाया जा सकेगा। इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। ऐसे क्षेत्र को (टीओडी जोन) चिह्नित करने और ऊंचाई कितने मीटर बढ़ाई जाए, यह तय करके रुद्राभिषेक इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को अधिकृत किया गया है।केडीए वीसी व डीएम विशाख जी ने बताया कि न्यू कानपुर सिटी के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए 150 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। न्यू कानपुर सिटी का करीब 700 करोड़ रुपए का बजट है, बाकी बजट लोन या शासन से बजट मांगा जाएगा। वहीं शहर के प्रवेश द्वारों के लिए भी केडीए ने बजट आवंटित किया है। केडीए ने ईडब्लूएस वर्ग के लिए 25 परसेंट और बाकी वर्गों के लिए 50 परसेंट पैसा देकर केडीए फ्लैट आवंटित कर देगा। वहीं केडीए के 5 हजार से ज्यादा खाली पड़े फ्लैट के रेट को इस बार भी नहीं बढ़ाया है। केडीए ने रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। केडीए वीसी ने बताया कि न्यू ट्रांसपोर्ट नगर में खाली पड़े भूखंडों को नए सिरे से आवंटित करने की योजना बनाई गई है। इस योजना में 275 प्लॉट खाली पड़े हैं। केडीए वीसी ने बताया कि यहां प्लॉट लेने वालों को आरटीओ में रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को खत्म किया गया है। अब यहां प्लॉट पर वेयर हाउस और गाड़ियों के शोरूम भी खोले जा सकेंगे। इस संबंध में व्यापारियों के साथ बैठक भी की जाएगी। केडीए की योजनाओं में किसी भूखंड के किनारे खाली पड़ी कम एरिया की जमीन को अब बगल के ही आवंटी को केडीए बेच देगा। उस जमीन का रेट केडीए ही तय करेगा। अगर आवंटी वो जमीन नहीं खरीदेगा तो आवंटी का आवंटन भी निरस्त कर दिया जाएगा।