संवाददाता।
कानपुर। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर नगर में 5000 से ज्यादा जगहों पर भव्य आयोजन हुए हैं। इसको लेकर फूलों की डिमांड भी खूब बढ़ गई। धूप न निकलने की वजह से फूलों की आवक कम हो गई है। इसकी वजह से इनके दामों में 3 गुने तक की बढ़ोत्तरी हो गई है। आमतौर पर पूरे साल में सिर्फ दिवाली पर ही सबसे ज्यादा फूलों की खपत होती है। यह पहला मौका है जब फूल मंडी ही नहीं किसानों के खेतों तक मथुरा, लखनऊ और अयोध्या के कारोबारियों ने शहर में डेरा जमा लिया है। इसके चलते शहर की मंडियों में फूलों की आवक कम मात्रा में हो रही है। आलम यह है कि दिवाली से 3 गुना ज्यादा दामों तक फूलों के दाम पहुंच गए हैं। इन इलाकों से होती फूलों की आपूर्ति जाजमऊ के वाजिदपुर, बिधून, महाराजपुर, घाटमपुर, रमईपुर, कैंधा से बड़ी मात्रा में फूलों की सप्लाई होती है। शहर की शिवाला मंडी प्रमुख है। इसके अलावा गौशाला चौराहे के पास, पनचक्की चौराहा और श्याम नगर पुल के नीचे फूलों की थोक मंडी लगती है। गौशाला मंडी के फूल व्यापारी धीरू सैनी और डेकोरेटर रामकिशोर सैनी ने बताया कि महंगाई का प्रमुख कारण भीषण सर्दी भी है। लगातार धूप न निकलने के चलते पौधों में कली नहीं निकल रही है। सबसे बुरा हाल गुलाब का है। इसमें पाला लगने के चलते इसकी आधी फसल भी खराब हो चुकी है। इसके चलते फूलों का उत्पादन भी घटा है। जिसके चलते फूलों में महंगाई आसमान छू रही है।शहर में इस समय फूलों की भारी डिमांड है। यहां दिल्ली, मध्यप्रदेश और कोलकाता से बड़ी मात्रा में देशी और विदेशी फूलों की आवक होती है। यहां तक कि इस बार बोगनवेलिया, ऑर्किड और लिली, कारनेशन, रजनीगंधा के साथ विदेश रोज जैसे फूल भी घरों और देवालयों को सजाने के काम आएंगे। पूजन सामग्री विक्रेता रवि शुक्ला कहते हैं कि कल के लिए धूप, चंदन, इत्र, हवन सामग्री आदि की बिक्री काफी बढ़ गई है। रविंद्र कुमार ने बताया कि राम दरबार, रामचरित मानस, हनुमान चालीसा श्रीराम ध्वज व पताका की मांग भी 10 गुना तक बढ़ी है। पुष्प सज्जा कारोबारी राहुल ने बताया कि 22 जनवरी के लिए फूल व फूलों की लड़ियों की बुकिंग होने लगी है। सबसे ज्यादा मांग गेंदा व गुलाब की है। झालरों के कारोबारी निशू श्रीवास्तव बताते हैं कि दीये वाली झालर, गुजराती झालर, रंगीन लाइटें, पाइप झालर, जल-ज्योति की मांग ज्यादा है।