संवाददाता।
कानपुर। नगर के घाटमपुर में बुद्धा कथा के विरोध में जानलेवा हमला करने के आरोपी की अरेस्टिंग को लेकर शनिवार को पुलिस कमिश्नर ऑफिस में ग्रामीणों ने घेराव किया। उनका कहना था कि विधायक के पीआरओ के इशारे पर ही बुद्ध कथा व डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रवचन के आयोजकों पर हमला किया गया था। इसके बाद भी विधायक का पीआरओ होने के चलते उसकी अरेस्टिंग नहीं हो रही है। अफसरों ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया। घाटमपुर के पहेवा गांव में बुद्ध कथा व अंबेडकर प्रवचन में हमला करने के मुख्य आरोपी विधायक सरोज कुरील के पीआरओ मनीष तिवारी और सुभाष अवस्थी की अरेस्टिंग की मांग को लेकर सैकड़ों लोग पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे। बहुजन मुक्ति पार्टी के पदाधिकारी अश्वनी की अगवानी में सैकड़ों की भीड़ पहुंची। आरोप है कि पुलिस विधायक सरोज कुरील के रसूख के चलते उनके पीआरओ और अन्य आरोपियों की अरेस्टिंग नहीं कर रही है। मुख्य आरोपी मनीष तिवारी और सुभाष अवस्थी की अरेस्टिंग को लेकर ज्ञापन दिया गया। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच की जा रही है। कानपुर के घाटमपुर पहेवा गांव में दलित वर्ग के लोग बुद्ध कथा और डॉ. भीमराव आंबेडकर का प्रवचन करा रहे थे। आयोजन के चौथे दिन 20 दिसंबर को गांव के दबंगों ने आयोजन के विरोध में जानलेवा हमला कर दिया। गनीमत रही कि आयोजन समाप्त होने के बाद वहां पर सिर्फ टेंट और लाइट वाले ही मौजूद थे। हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। मामले में घाटमपुर विधायक सरोज कुरील के पीआरओ मनीष तिवारी, चंद्रभान मिश्रा, गोलू मिश्रा, शिवम मिश्रा, जीतू मिश्रा, अरुण कोटेदार, किन्नर मिश्रा और विशंभर मिश्रा के खिलाफ SC-ST एक्ट, लूट, डकैती, बलवा समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। मामले में अब तक 5 अन्य आरोपियों की अरेस्टिंग हो चुकी है। जबकि मुख्य आरोपी मनीष तिवारी समेत अन्य अभी भी फरार चल रहे हैं।