December 27, 2025

संवाददाता

कानपुर। नगर के रहने वाले बीएसएफ जवान का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह घर पहुंचा। अमृतसर में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। 
जवान की अंतिम विदाई में काफी संख्या में लोग जुटे। अंतिम यात्रा के दौरान युवा तिरंगा लेकर चल रहे थे। “भारत माता की जय” और “वीर जवान अमर रहें” के नारे लगाए गए।
हवलदार विनोद कुमार पाल अरौल स्थित बहरामपुर गांव के रहने वाले थे। अमृतसर से शव पहले कानपुर पहुंचा, फिर वहां से बहरामपुर उनके गांव ले जाया गया। गंगा घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गई। बेटे ने मुखाग्नि दी।
रविवार देर रात करीब 1 बजे ड्यूटी के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। साथी उनको लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका। जवान विनोद कुमार पाल का परिवार कानपुर के कल्याणपुर क्षेत्र स्थित मिर्जापुर में रह रहा था।
इसलिए अमृतसर से पोस्टमॉर्टम के बाद बुधवार सुबह उनका पार्थिव शरीर सबसे पहले कल्याणपुर लाया गया। यहां से फिर बहरामपुर गांव ले जाया गया। गांव में सेना के वाहन से पार्थिव शरीर पहुंचा। तिरंगे में लिपटे शव को देखते ही परिजन फूट-फूटकर रो पड़े।
विनोद के परिवार में पत्नी मीरा पाल, बेटा मयंक उर्फ शंटी, बेटी गीतांशी, मां पार्वती देवी और छोटा भाई प्रमोद पाल हैं। विनोद पाल के बड़े भाई मनोज पाल भी बीएसएफ में हैं और वर्तमान में मणिपुर में सीओ के पद पर तैनात हैं। भतीजे रजनीश पाल के अनुसार, रविवार रात ही साथी जवानों ने फोन करके बेटे मयंक को इस दुखद समाचार की जानकारी दी, जिससे पूरे परिवार में कोहराम मच गया।
विनोद कुमार पाल के बेटे मयंक ने बताया कि रविवार रात लगभग 8 बजे मम्मी-पापा की वीडियो कॉल पर बात हुई थी। उन्होंने घर का हाल-चाल पूछा था और ड्यूटी पर जाने की बात की थी। उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक थी। लगभग 6 महीने पहले पापा का लीवर फैटी हो गया था, इलाज के बाद अब सब ठीक था। दवा भी बंद हो गई थी। जल्द ही वे छुट्टी लेकर घर आने वाले थे।
बेटी गीतांशी ने बताया कि रविवार को मेरी पापा से बात हुई थी, उन्होंने हाल-चाल पूछा था। पढ़ाई के बारे में पूछा था। इससे पहले पापा दीपावली पर घर आए थे।
बेटे की मौत पर रोते हुए विनोद के पिता ने कहा कि ऐसी उम्मीद नहीं थी। बेटे ने देश सेवा की। दूसरा बेटा भी बीएसएफ में है। पौत्र मयंक बीएससी की पढ़ाई कर चुका है, उसे भी फौज में भेजूंगा।
बहरामपुर गांव के पास स्थित गंगा घाट पर सैन्य सम्मान के साथ विनोद कुमार पाल का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बीएसएफ के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शोकाकुल माहौल में गांव ने अपने वीर सपूत को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। 

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