November 22, 2024

पुलिस प्रशासन की नजरों से कैसे बच रहे कानपुर के ये दुर्दात !

कानपुर। योगी सरकार अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत तमाम छोटे बड़े अपराधियों को काबू किया जा रहा है, कार्रवाइयां हो रही हैं। फिर आखिर क्या कारण है कानपुर में नई सड़क पर रहने वाले सबसे कुख्यात गौकश और तस्कर, नटोरियस, कतली और हिस्ट्रीशीर भाइयों पर पुलिस प्रशासन की नजर क्यों नहीं पड़ रही है। आखिर पुलिस प्रशासन में बैठे कौन है जिनका वरदहस्त इन माफिया बंधुओं पर है। यहां तक कि गौकशी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कत्लखाने पर 6 माले की अवैध मल्टीस्टोरी बनाई गई है। जबकि इन माफिया भाइयों के बड़े कारनामे जिनके ऊपर है पचास से अधिक मुकदमे दर्ज।
एक दशक पूर्व अनवरगंज थानाध्यक्ष आले हसन को सरेआम पीटा था। ब्याज के पैसे नहीं दे पाने पर गुमटी के सिख युवक की बेरहमी से हत्या हुई घरेलू नौकरानी से गैंग रेप किया, प्रेगनेंट होने पर हत्या करके लाश को फेंक दिया।
सन 2007 में शानू बंटी नाम के खबरी की खुद दोनों भाइयों ने चापड़ चाकू से नौ टुकड़ों में काटकर हत्या की दोनों अपराधी भाई खाड़ी देशों और मलेशिया, इंडोनेशिया तक का भ्रमण करते है
 एक दशक तक शहर के सबसे बड़े गौ तस्कर रहे अलग अलग थानों में दोनों अपराधी बंधुओं पर चार दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज है और पुलिस लिस्ट में लापता घोषित होते हुए क्षेत्र में चुनाव से लेकर सामाजिक कार्यक्रमो में शामिल रहता है।
जेल में बंद पूर्वांचल के सबसे बड़े माफिया से उनके गहरे संबंध है एक वायरल वीडियो में माफिया के गुर्गों संग मिलने जाते हुए दिखता है, माफिया के नाम के जयकारे लगाता हुआ।
चमनगंज, बेकनगंज और जाजमऊ थानाक्षेत्र में नई सड़क के इन माफिया बंधुओं के गौकशी और सट्टे-जुएं के कई अड्डे है। अपराधों की लंबी फेहरिस्त वाले नई सड़क के इन अपराधी बंधुओं में से छोटे भाई ने पार्षदी जीतकर राजनैतिक चोला ओढ़ लिया है। पर जनता सवाल पूछ रही है कि योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति में ऐसे बड़े अपराधियों को कैसे टॉलरेट किया जा रहा है। 

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