संवाददाता।
कानपुर। नगर में इस समय हाई ग्रेड फीवर हर किसी को अपनी चपेट में ले रहा है। पिछले 10 दिनों के अंदर मेडिकल कॉलेज में लगभग 400 मरीज हाई ग्रेड फीवर के भर्ती हो चुके हैं। वहीं, अगर पूरे शहर की बात करें तो 10 दिन के अंदर 153 डेंगू मरीज, 16 मलेरिया और 18 चिकनगुनिया के मरीज निकल चुके हैं। चिकित्सकों की माने तो गर्मियों में जो वायरस तेज धूप के कारण खत्म हो जाते हैं वह वायरस एक बार फिर से हवा में घुल चुके हैं। इस कारण यह हाई ग्रेड फीवर तेजी से बढ़ रहा है। कानपुर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. विशाल कुमार गुप्ता ने बताया कि इन दिनों हाई ग्रेड फीवर के मरीज काफी संख्या में बढ़ गए हैं। हवा में कई तरह के वायरस है, जिसके कारण लोग हाई ग्रेड फीवर की चपेट में आ रहे हैं। इस समय डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया के साथ-साथ अन्य जो वायरस गर्मियों में नष्ट हो जाते हैं। वह भी बरसात के बाद वातावरण में नमी आते ही फिर से जीवित हो गए हैं। इसके कारण सारे वायरस वातावरण में पूरी तरह से घुल चुके हैं और यह अब लोगों को काफी इफेक्टिव कर रहे हैं। हाई ग्रेड फीवर अन्य फीवर से बिल्कुल अलग होता है। डॉ. विशाल गुप्ता ने बताया कि जब किसी व्यक्ति को बुखार आता है तो उसे पेरासिटामोल या अन्य कोई दवा देकर उसे कंट्रोल कर सकते हैं, लेकिन जब हाई ग्रेड फीवर आता है तो वह सीधे 102, 103, 104 तक पहुंच जाता है। इसके कारण मरीज का शरीर अंदर से बिल्कुल टूट जाता है। इसको ठीक होने में भी कम से कम 5 से 7 दिन लगते हैं। यह बुखार आम दवा देने से नहीं जाता है। इसका ट्रीटमेंट अलग होता है, जब बुखार चढ़ता ही जाता है तो ऐसे में मरीज को भर्ती करना पड़ता है। इस बुखार में मरीज को चक्कर आना, उल्टी होना, चिड़चिड़ापन आम बात है। कानपुर मेडिकल कॉलेज में रोजाना हाई ग्रेड फीवर के कम से कम 100 मरीज रोज पहुंच रहे हैं। वहीं, उर्सला अस्पताल में 60 से 70 मरीज रोज आ रहे हैं। इसी तरह काशीराम अस्पताल की ओपीडी में भी रोजाना कम से कम 60 मरीज फीवर के पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों की माने तो जिनको पिछले कई दिनों से लगातार बुखार की समस्या है। उन्हें भर्ती होने की सलाह दी जा रही है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि इन दिनों शहर के अंदर डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया तीनों का संक्रमण फैल चुका है। यह संक्रमण मच्छर के काटने से फैलता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक रंजन की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 दिनों के अंदर शहर में डेंगू के 153 मरीज, मलेरिया के 16 और चिकनगुनिया के 18 मरीज मिल चुके हैं। जिन मरीजों को हाई ग्रेड फीवर की समस्या है उनको सांस लेने में भी काफी समस्या हो रही है। ऐसे में कुछ मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट भी देना पड़ता है, जब मरीज बुखार आने के बाद लापरवाही करता है तो उसके चेस्ट में संक्रमण फैल जाता है। इसके कारण मरीजों को सांस से संबंधित दिक्कत होने लगती है और जब शरीर में पानी की कमी होती है तो फिर चक्कर आना और कमजोरी महसूस होने लगती है। ऐसे में प्लेटलेट्स तेजी से कम हो जाती है। डॉ. विशाल कुमार गुप्ता ने बताया कि इन बीमारियों से बचने का एकमात्र उपचार बचाव ही है। घर पर ऑल आउट, मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें। मच्छर के प्रजनन को रोकने के लिए घर पर दवा का छिड़काव करें। इसके अलावा घर और घर के आसपास कहीं भी पानी का जमाव हो तो उसे तुरंत साफ करें। ऐसी जगह पर डेंगू और मलेरिया के मच्छर बहुत जल्दी पनपते हैं। हो सके तो दिन में फुल कपड़े पहन कर रहे, क्योंकि डेंगू का मच्छर हमेशा दिन में ही काटता है।