संवाददाता।
कानपुर। नगर में बीते मंगलवार को हैलट अस्पताल में दो मरीजो को मेट्रोनिडाजोल इंजेक्शन लगाने के बाद तबीयत बिगड़ गयी थी। इसके बाद अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक ने इस दवा पर रोक लगा दी है। उन्होंने बताया कि जितनी भी दवा अस्पताल में आई थी। उसे वापस वार्डों से मंगा लिया गया है और सभी दावों को सील करके जांच के लिए भेजा जाएगा। अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक आरके सिंह ने बताया कि जितनी भी दवा वार्ड में भेजी गई थी। उनके अलावा स्टोर में रखी दावों का स्टॉक भी सील किया गया है। इसकी हकीकत की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में पांच सदस्य होंगे जो की दवा की सही जानकारी को पता करेंगे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती बेहद जरूरी मरीजों को अब मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन से आने वाली मेट्रोजिल इंजेक्शन ही दिया जाएंगे।आरके सिंह ने बताया कि जिस इंजेक्शन से मरीजों की हालत बिगड़ी थी। वह दवा अहमदाबाद की कंपनी ओटसूक की है। इस दवा पर खरीद पर बिल्कुल प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब इस इंजेक्शन को कभी भविष्य में भी हैलट में नहीं खरीदा जाएगा। इससे पहले जच्चा बच्चा वार्ड में भी इसी इंजेक्शन के इस्तेमाल से कई मरीजों की हालत बिगड़ चुकी है। आरके सिंह ने बताया कि यह इंजेक्शन 17 वार्डों में भेजे गए थे, जिसमें से वार्ड 3 में भर्ती दो मरीजों की हालत बिगड़ी है। बाकी किसी भी वार्ड में मरीजों में कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है, लेकिन इसके बाद भी सभी वार्डो से इस दवा को वापस मंगा लिया गया है। मेट्रोनिडाजोल इंजेक्शन यह शरीर के संक्रमण को मारने के काम आता है। इससे शरीर में नई ऊर्जा का उत्पादन होता है, जो मरीज थोड़े से कमजोर होते हैं। उन्हें बीमारी के दौरान यह इंजेक्शन दिया जाता है।