
संवाददाता
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीपनगर पर आज राज्य स्तरीय कृषि अधिकारियों ने कृषि वैज्ञानिकों के साथ उच्च गुणवत्ता परक बीजों एवं स्मार्ट खेती सहित कई विषयों पर मंथन किया।
यह दल अधिष्ठाता कृषि संकाय डा. सी एल मौर्य के नेतृत्व में आज कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर कानपुर देहात पहुंचा। डाॅ. मौर्या ने बताया कि हरित क्रांति के बाद कृषि तकनीकों के क्षैत्र में खासतौर पर बीज, मशीन तथा रिमोट संचालित तकनीकों में व्यापक बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में तकनीकी हस्तान्तरण अन्तराल ज्यादा था, लेकिन अब किसान ज्यादा जागरूक होने से तकनीकी हस्तान्तरण ज्यादा गति से हो रहा है। उन्होंने बताया कि नई तकनीकों से खेती में टिकाऊपन लाया जा सकता है।
अपर कृषि निदेशक टी एम त्रिपाठी ने कहा कि वैज्ञानिकों को किसानों की समस्याओं के आधार पर अनुसंधान करना चाहिये ताकि किसानों को अधिक से अधिक फायदा मिल सकें। साथ ही उन्होनें जोर दिया कि प्रथम पंक्ति प्रदर्शन में कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे कृषि मशीनीकरण के लिए प्रौद्योगिकी के उचित हस्तान्तरण में मदद मिलेगी। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों और सरकारी अधिकारियों के बेहतर समन्वय और निगरानी के लिए जोर दिया।
वैज्ञानिक डॉ. निमिषा अवस्थी ने बताया कि खेती में महिलाओं की अहम् भूमिका है। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा स्वयं सहायता समूह तथा किसान समूहों को बढ़ावा देकर और तकनीकी प्रशिक्षण आयोजित कर तकनीकी प्रसार पर जोर दिया जा रहा है।
प्रभारी डॉ.अजय कुमार सिंह ने केंद्र पर चल रही विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी दी तथा कृषि जलवायु परिस्थितियों तथा नई अनुसंधान तकनीकों के बारे में प्रकाश डाला।
प्रारम्भ में डाॅ.खलील खान ने गत खरीफ में वर्षा का वितरण, बोई गई विभिन्न फसलों के क्षेत्र एवं उनकी उत्पादकता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होनें जनपद में विभिन्न फसलों में खरीफ के दौरान् आयी समस्याओं को प्रस्तुत किया।
वैज्ञानिक डा. शशिकांत ने पशुपालन की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जबकि डॉ. अरुण कुमार सिंह ने उद्यान से संबंधित जानकारी दी।
इस अवसर पर प्रबंध निदेशक पीयूष कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि कानपुर मंडल श्रीदेव शर्मा सहित अन्य राज्य स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।