March 16, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 55 लाख की ठगी हुई। एचएएल ने अमेरिका की एक कंपनी से लड़ाकू विमान के पार्ट्स खरीदने का सौदा किया था। ऑर्डर के संबंध में साइबर ठगों ने कंपनी से मिलती-जुलती ई-मेल आईडी से डिटेल भेजकर अपने अकाउंट में पेमेंट करा लिया।
पेमेंट के बाद भी ऑर्डर का सामान नहीं मिलने पर ठगी की जानकारी हुई। फ्रॉड के बारे में पता चलने पर एचएएल के अपर महाप्रबंधक ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर की एचएएल रक्षा मंत्रालय की कंपनी है। यहां पर लड़ाकू विमान बनाए जाते हैं। उनका मेंटीनेंस और ओवरहॉलिंग की जाती है। एचएएल विदेश से भी पार्ट्स खरीदती है।
एचएएल ने विमान से संबंधित पार्ट्स खरीदने के लिए अमेरिका की कंपनी से बातचीत चल रही थी। एचएएल ने अमेरिकी कंपनी से 3 पार्ट्स के लिए 3 मई 2024 को कोटेशन मांगा। इस कंपनी ने उसी दिन कोटेशन भेज दिया था।
एचएएल ने अपना ऑर्डर संबंधित कंपनी को ई-मेल आईडी के जरिए नोट करा दिया था। किसी तरह शातिर ठगों को एचएएल की इस खरीददारी की जानकारी हो गई।
इसका फायदा उठाकर शातिर ठगों ने कंपनी से मिलती जुलती ई-मेल आईडी बनाई और इसी ई-मेल से एचएएल के अफसरों से बात करना शुरू कर दिया।
एचएएल से ऑर्डर के नाम पर अपनी फर्जी ई-मेल जिसमें सिर्फ एक शब्द कम था। उसके जरिए साइबर ठगों ने अपने खाते की डिटेल भेजकर एचएएल से भारतीय करेंसी में करीब 55 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। पेमेंट कराने के बाद भी ऑर्डर नहीं आया तब कंपनी ने जांच-पड़ताल शुरू की।
इसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि जिस ई-मेल पर बात कर रहे थे वो अमेरिकी कंपनी थी ही नहीं, बल्कि ठगों ने मिलती-जुलती ई-मेल आईडी बनाई और एचएएल से 55 लाख की ठगी की थी।
ठगी के बाद एचएएल के अफसरों को आशंका है कि उनकी ई-मेल भी साइबर ठगों ने हैक कर रखा है। इसी वजह से ठगों को उनके मेल पर होने वाली एक्टिविटी का पता चल गया। इसी जानकारी का फायदा उठाकर मिलती-जुलती ई-मेल के जरिए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए।
कानपुर की साइबर थाना प्रभारी सुनील वर्मा ने बताया- एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच की जा रही है। इसका खुलासा करने को आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट की भी मदद ली जाएगी। जल्द ही ठगों को अरेस्ट किया जाएगा।