आ स. संवाददाता
कानपुर। ऐसी दुर्घटनाए, जिसमें किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से कोई घायल होता है अथवा मृत्यु हो जाती है, और दुर्घटना करने वाले का नाम और गाड़ी का नंबर इत्यादि पता नहीं चल पाता है। ऐसी दशा में पीड़ित व्यक्ति को बीमा कंपनी भी अज्ञात होने के कारण क्लेम देने से मना कर देती है। पुलिस विवेचना में भी दुर्घटना करने वाले का नाम या गाड़ी नंबर मालूम नहीं हो पाता है।
मोटे तौर पर हिट एंड रन का मतलब है, किसी दुर्घटना के बाद वाहन चालक का मौके से भाग जाना। ऐसी दुर्घटना जानबूझकर अथवा अनजाने में हो सकती है। ऐसे पीड़ित लोगों को सरकार मुआवजा दे रही है।
हिट एंड रन सुरक्षा योजना 1 अप्रैल 2022 से लागू की गई थी। इसके अंतर्गत दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल को 50000 रूपये, मृत्यु की दशा में मृतक के परिजनों को 2 लाख रूपये तक का मुआवजा सरकार द्वारा दिया जाता है।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने अवगत कराया गया कि हिट एंड रन कानून के तहत जनपद कानपुर नगर में 400 लोग हताहत हुए थे, ऐसे में गठित कमेटी द्वारा हिट एंड रन कानून के तहत 400 में से 70 केस अनुमोदन की स्थिति में है, शेष को लाभान्वित करने हेतु प्रक्रियाधीन है। उन हताहत लोगों को तहसील व परिवहन विभाग द्वारा चिन्हित करते हुए उनके दावो को स्वीकार करके बीमा कंपनी को भेजा जाएगा। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिले में हिट एंड रन केस से संबंधित कमेटी गठित है, जिसे सक्रिय किया गया है। उल्लेखनीय है कि उक्त कमेटी में जिलाधिकारी के अलावा बीमा कंपनी के सदस्य व अन्य अधिकारी शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई हिट एंड रन केस दुर्घटना में घायल है अथवा मृत्यु हो गई है, तो वह संबंधित तहसील में तहसीलदार या उप जिलाधिकारी के साथ-साथ एआरटीओ ऑफिस में संपर्क करके फॉर्म वन भरकर योजना का लाभ ले सकते हैंl इसके उपरांत फार्म दो और तीन भी सरल प्रक्रिया के तहत भरवाया जाता है।
भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन का प्रावधान है। मोटर वाहन अधिनियम में हिट एंड रन मोटर दुर्घटना की परिभाषा दी गई है। नए हिट एंड रन कानून में किसी व्यक्ति या वाहन को टक्कर मारने के बाद भागने वाले चालकों के लिए सजा और जुर्माने के रूप में 10 साल की जेल की अवधि निर्धारित की गई है।
यह कानून उन ड्राइवरों के लिए 5 साल की छोटी जेल अवधि निर्धारित करता है जो निकटतम पुलिस स्टेशन में दुर्घटना की रिपोर्ट करते हैं।