आ स. संवाददाता
कानपुर। गले में फसी टाफी से तड़पते बच्चे को लेकर परिजन अस्पतालों में बहुत दौड़े। लेकिन सारी भगदौड़ बेकार गये गई और 4 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई।
नगर के बर्रा के जरौली फेस-1 में रहने वाले राहुल कश्यप ने बताया कि मेरे 4 साल के बेटे अन्वित ने मोहल्ले की एक दुकान से फ्रूटोला नाम की किंडरज्वॉय जैसी टॉफी खरीदी थी। खाते ही टॉफी बच्चे के गले में फंस गई और उसको सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
बच्चे की हालत बिगड़ने पर मां सोनालिका ने उसे पानी पिलाया तो टॉफी गले के और अंदर जाकर फंस गई। इससे उसे सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होने लगी। इलाज के लिए माता-पिता बच्चे को पास के एक निजी अस्पताल और वहां से दूसरे अस्पताल ले गए। लेकिन बच्चे को सही इलाज नहीं मिल सका और उसकी मौत हो गई।
मृतक बच्चे के पिता राहुल कश्यप ने बताया हम एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटते रहे, लेकिन दिवाली की छुट्टी होने के चलते कोई डॉक्टर नहीं मिला। हमारा बच्चा तीन घंटे तक तड़पता रहा, इसके बाद उसकी सांसें थम गईं। एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
परिवार के लोगों ने बर्रा थाने की पुलिस को मामले की जानकारी दी। बर्रा थाना प्रभारी राजेश शर्मा टीम के साथ मौके पर जांच करने पहुंचे और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने की बात कही। लेकिन परिवार के लोगों ने बच्चे का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया।
बच्चे की मौत के बाद दहशत में दुकानदार अपनी दुकान बंद कर भाग गया। परिवार के लोगों ने खाद्य विभाग से मामले में जांच करके टाफी बनाने वाली कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाही की मांग की है।