November 21, 2024

कानपुर। आईआईटी कानपुर के इनक्यूबेशन सेंटर और जेड संस रोबोटिक्स कंपनी ने स्टार्टअप योजना के तहत संयुक्त रूप से मिलकर एक पूरा ऑटोमेटिक रोबोट का निर्माण करने में सफलता प्राप्त कर ली है। यहां की टेक्नोलॉजी से एक ऐसा रोबोट तैयार किया गया है, जोकि बहुत ही कम समय में बड़े से बड़े प्लांट में लगे पूरे पैनल को कुछ ही घंटे में साफ कर देगा। दावा किया गया है कि ये देश का पहला फुली ऑटोमैटिक रोबोट है। आईआईटी कानपुर ने पहला फुली ऑटोमैटिक रोबोट बनाया है। बिजली की बचत को लेकर सरकार तरह-तरह की योजना चला रही है। इसमें सबसे बड़ी योजना सोलर पैनल की है, लेकिन इस पैनल को ठीक से रोज साफ न करने के कारण इसकी जितनी क्षमता बिजली उत्सर्जन की होती है। उससे लगभग 10 से 15% तक कम हो जाती है। इसके पैनल को साफ करने के लिए या तो मैकेनिक बुलाए जाते हैं या फिर हम पानी डालकर उसे साफ करते हैं। कंपनी के फाउंडर जतिन शर्मा ने बताया कि पैनल को साफ करने के लिए हम उसमें पानी डालते हैं लेकिन इस रोबोट का प्रयोग करके हम पानी की बर्बादी को 80% तक रोक सकते हैं। दूसरी खास बात ये है कि यदि पैनल रोज साफ होता रहेगा तो 10% से अधिक बिजली उत्सर्जन की क्षमता भी बढ़ेगी। जतिन शर्मा ने बताया की आदमी 1 घंटे में बहुत ज्यादा 50 पैनल को साफ कर सकता है, लेकिन यह रोबोट 1 घंटे में कम से कम 300 पैनल साफ करेगा। इस रोबोट में एक सॉफ्ट ब्रश लगा हुआ है। उसकी डिजाइन इस प्रकार से की गई है कि वह पैनल को प्रॉपर तरीके से साफ करता हुआ आगे बढ़ेगा और एक सेव तरीके से पैनल को साफ करेगा, जो कि अभी इस चीज के एक्सपर्ट भी नहीं कर पा रहे हैं। ये रोबोट पूरा ऑटोमेटिक है। एक बटन दबाते ही यह अपना काम करना शुरू कर देगा और जैसे ही इसकी बैटरी खत्म होने पर होगी तो यह अपने आप ही चार्जिंग पॉइंट तक पहुंच जाएगा। जतिन ने बताया कि इस रोबोट में लिथियम बैटरी लगाई गई है और इसमें एक टॉकिंग स्टेशन भी लगाया गया है। वह टॉकिंग स्टेशन पर रोबोट चार्ज होगा और वहीं से निकालकर सभी पैनलों को साफ करने के बाद वापस उसी स्टेशन पर पहुंच जाएगा। रोबोट का रिमोट कस्टमर के पास रहेगा। एक रोबोट को बनाने में लगभग ढाई से 3 लाख तक का खर्च आया है। जतिन ने बताया कि अभी इसको और भी ज्यादा अपग्रेड करने पर काम किया जा रहा है। इसकी लाइफ 5 साल होगी। एक रोबोट रोज 300 से 400 पैनल को क्लीन करने की क्षमता रखेगा। 5 साल बाद रोबोट में लगी बैटरी को और मोटर को बदलना पड़ेगा। जतिन ने बताया कि इस रोबोट को बनाने का काम 2018 में शुरू किया था। इसके बाद 2019 में हरियाणा के मानसर में इसका पहला डेमो हुआ, जोकि सफल हो गया। इसके बाद 2023 में दुबई में भी इसका डेमो किया गया। वहां भी यह सफल हुआ। वर्तमान समय में चेन्नई, दुबई, मानसर में इसे लगाया गया है। जतिन ने बताया कि यह प्रोजेक्ट अभी उन जगहों पर लगाया जा रहा है, जहां पर 200 किलो वाट से अधिक का लोड है। इसके अलावा जो घरों में पैनल लगे हुए हैं उन्हें साफ करने के लिए भी एक छोटा रोबोट तैयार किया गया है जो की कंपनी का आदमी खुद जाएगा और रोबोट की मदद से उसे साफ कर देगा।

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