कानपुर। कोलकाता काण्ड से आक्रोशित पूरे देश के डाक्टरों की हडताल अब व्यापक रूप अख्तियार कर चुकी है। बुधवार को नगर के डाक्टरों की हडताल के सातवें दिन अब मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड गया जब ओपीडी के लिए पर्चे बनाने वालों को डाक्टेरों की खरी खोटी सुननी पडी। ओपीडी में अब नए मरीज भी नहीं देखे जा रहे हैं। यहां पर रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी में पर्चे बनवाने भी बंद कर दिए हैं। इससे नए मरीजों को परामर्श नहीं मिलना भी मुश्किल हो गया हैं।हड़ताल पर गए डॉक्टरों ने कहा कि इमरजेंसी का काम चलता रहेगा, लेकिन ओपीडी में कोई भी रेजिडेंट सेवा नहीं देगा। उन्होंने ओपीडी गेट पर प्रदर्शन करते हुए कहा-‘हत्यारों को फांसी दो…वी वांट जस्टिस।’ इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम इस लड़ाई को आखिरी तक लड़ेंगे।डॉक्टरों का कहना है कि जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल जाता है तब तक ये संघर्ष जारी रहेगा, जिस तरह से सबूत को मिटाने का काम किया जा रहा है। उसे साफ है कि पीड़िता के साथ न्याय नहीं हो रहा हैं।जो सबूत को मिटाने का काम कर रहे हैं, उन लोगों पर भी पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने के साथ अन्य जो भी आरोपी है उन पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।डॉक्टरों की हड़ताल के कारण राजकीय जेके कैंसर अस्पताल में मरीजों को ओपीडी तक में परामर्श नहीं मिल रहा है। इसके अलावा यहां पर इमरजेंसी की भी सुविधाएं ठप पड़ी है।लेकिन कॉर्डियोलॉजी की ओपीडी निरंतर चलती रहेगी। रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा कि दिल की बीमारी ज्यादा गंभीर होती है। इसलिए वहां की ओपीडी निरंतर चलती रहेगी।