कानपुर। नजूल की संपत्ति को फ्री होल्ड कराने का सपना अब कई उपभोक्ताओं का टूट गया है। उनके सभी आवेदन अब जिलाधिकारी की ओर से निरस्त कर दिए गए हैं। शासन से जारी नये अध्यादेश लागू होने के बाद अब कोई भी सरकारी
संपत्ति फ्री होल्ड नहीं हो सकेगी। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।जिलाधिकारी ने बताया कि आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग-4, लखनऊ के द्वारा “उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) अध्यादेश, 2024” लाया गया है।इसके बाद
सिविल लाइंस स्थित 1000 करोड़ रुपए की विवादित संपत्ति पर जिला प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर दिया है। अब ये जमीन पूरी तरह सरकारी संपत्ति हो गई है। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के किसी न्यायालय के किसी निर्णय, डिक्री या विपरीत आदेश, या किसी अन्य विधि द्वारा सरकारी आदेश हुए भी हैं तो इस अध्यादेश के लागू होने के बाद नजूल की संपत्ति दोबारा नजूल में निहित हो जाएगी। किसी न्यायालय में या किसी प्राधिकारी के समक्ष लंबित सभी आवेदन अस्वीकृत समझे जाएंगे। नजूल की संपत्ति फ्री होल्ड कराने के लिए अगर कोई धनराशि जमा की गई है तो भारतीय स्टेट बैंक की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लैंडिंग रेट की ब्याज दर के साथ धनराशि वापस कर दी जाएगी। धनराशि वापस लेने के लिए 30 दिन के भीतर नजूल अनुभाग में धनराशि वापसी लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।