कानपुर। कानपुर नगर की जेल की व्यवस्थाओं को जांचने के लिए शासन की ओर से नियुक्त डीआईजी जेल प्रशासन पीएन पांडेय ने औचक निरीक्षण किया। डीआईजी जेल ने कानपुर की जेल में लगभग पांच घंटे तक रुककर जेल के चप्पें-चप्पेे की जांच पडताल की गनीमत ये रही कि जांच के दौरान उन्हे किसी भी प्रकार की बड़ी अनियमितता सामने दिखायी नहीं दी। कानपुर जेल में आम दिनों की तरह जेल में काम-काज चल रहा था। इस दौरान सुबह 11 बजे जेल के सामने लाल नीली बत्ती लगी गाड़ी रुकी और उसमे से उतरकर डीआईजी जेल पीएन पांडे जेल गेट पर पहुंच गए जहां उनको देखते ही वहां तैनात पुलिस कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए और उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को तत्काल ही सूचना दी। बिना किसी सूचना के डीआईजी जेल को देखकर अफसरों के भी पसीने छूट गए। आनन फानन में जेल अधीक्षक डॉ. बी.डी पांडेय और जेल का स्टाफ वहां पहुंचा। इसके बाद जेल अधीक्षक ने पूरी जेल के चप्पे-चप्पे का निरीक्षण किया, कैदियों से फीडबैक लिया और जेल की सुरक्षा व्यवस्था को भी देखा। डीआईजी जेल ने सबसे पहले अपने सामने जेल की हाई सिक्योरिटी बैरिक की तलाशी कराई। इसके बाद अन्य बैरकों को देखा। कई बैरकों की तलाशी लेते हुए वे महिला बैरिक में भी पहुंचे, महिला बंदियों से मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। अस्पताल में जाकर बंदी रोगियों से जानकारी ली, डॉक्टर और फार्मासिस्ट से दवाओं को स्टॉक की जानकारी ली। किचेन में जाकर साफ सफाई का इंतजाम देखा। डीआईजी जेल ने कैदियों को रोजगार के लिए जेल में चलाए जा रहे प्रयासों को सराहा। इसके बाद जेल में बंदियों के रोजगार के लिए मोजा फैक्ट्री से लेकर अन्य किए जा रहे कामों को सराहा। करीब पांच घंटे रुकने के बाद डीआईजी जेल गए। जेल अधीक्षक डॉ. बी.डी. पांडेय ने बताया कि जेल के कामकाज को देखकर डीआईजी संतुष्ट दिखायी दिए।