कानपुर। सीसामऊ विधानसभा से विधायक इरफान सोलंकी को सज़ा होने के बाद सीट को हथियाने के लिए भाजपा ने कमर कस ली है इसी रणनीति के चलते
मंत्री सुरेश खन्ना को सीसामऊ विधानसभा का बनाया गया प्रभारी।
सीसामऊ विधानसभा में प्रस्तावित उपचुनाव को लेकर भाजपा ने अपने सबसे वरिष्ठ नेता और 9 बार से विधायक सुरेश खन्ना को प्रभारी बनाया है। मौजूदा समय में वे सरकार में संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री हैं। जल्द वे इस सीट पर दौरा कर रणनीति तय कर सकते हैं। वही विधायक की पत्नी नसीम सोलंकी या उनकी मां को सपा अपना प्रत्याशी बना सकती है। दूसरी तरफ भाजपा को जीत के लिए मुस्लिम वोट बैंक को साधना होगा
इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए ब्राह्मण और दलितों को एकजुट करना होगा। क्योंकि मुस्लिम मतदाता भाजपा से खासा नाराज हैं। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा सीसामऊ विधानसभा बुरी तरह हार चुकी है। ऐसे में भाजपा को मुस्लिम वोटबैंक को साधने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी। ये सीट वर्ष-1991 से 2002 तक लगातार 3 बार भाजपा के पास ही रही है। यहां से 3 बार राकेश सोनकर विधायक रहे। जबकि इसके बाद 2002 से 2012 तक कांग्रेस से संजीव दरियाबादी के पास रही। दोनों ही विधायक दलित चेहरे के रूप में यहां से जीत कर आए। भाजपा को बीते चुनावों पर हार का मुंह ही देखना पड़ रहा है। इस बार पार्टी दलित चेहरे पर दांव लगा सकती है।
बता दें कि ये सीट 2012 परिसीमन के बाद समाजवादी पार्टी का गढ़ है। इस सीट पर मोदी लहर का भी कोई असर नहीं हुआ था। इस सीट से विधायक इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा होने के बाद ये सीट वैकेंट हो गई है। भाजपा के पास ये सीट जीतने का बड़ा मौका है। इसे भाजपा खुद समझ रही है और इस मौके को अब भाजपा गंवाना नहीं चाहती है। वहीं इस सीट पर कई नेता अभी से दावा ठोंकने लगे हैं। कई नेता दिल्ली के साथ ही प्रदेश स्तर पर संगठन की परिक्रमा लगाने लगे हैं। इस सीट पर अब भाजपा में ही मांग उठने लगी है कि सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में निवास करने वाले भाजपा कार्यकर्ता को टिकट मिले। वहीं पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार पार्टी यहां से दलित चेहरे को टिकट दे सकती है।