कानपुर। शासन की ओर से जारी वीआईपी कल्चर को समाप्त करने की सभी योजनाओं पर अब सत्तादल के लोग ही पलीता लगाने में लगे हुए हैं। सोमवार को पुलिसकर्मियों ने हूटर और बत्ती उतारो अभियान के तहत भाजपा नेता शैलेंद्र त्रिपाठी की गाड़ी को रोक लिया। उनकी गाड़ी में हूटर लगा था और ब्लैक फिल्म चढ़ी थी। बस चेकिंग के लिए कार रोकते ही भाजपा आपे से बाहर हो गए और गाड़ी से उतर कर पुलिस से भिड़ गए। वाहन चेकिंग के दौरान अपने को अपमानित महसूस करने से आहत बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष ने वहां पर मौजूद पुलिकर्मियों से बोले दिमाग खराब है, गाड़ी सीज करोगे 500 गाड़ी बुलवा रहा हूँ और देखता हूँ कितनी गाडियों का चालान करोगे।
कानपुर दक्षिण के जिला उपाध्यक्ष शैलेंद्र त्रिपाठी अपने भतीजे के साथ कार से कहीं जा रहे थे। तभी चेकिंग के लिए पुलिस ने उनकी गाड़ी रोक दी। इस पर वो भड़क गए और पुलिस वालों को अपशब्द तक कह दिए।यही नही उनके भतीजे ने एक पुलिसकर्मी का मोबाइल छीनने की कोशिश भी की। ये पूरी घटना वीडियो में कैद हो गई। 24 जून यानी सोमवार को पुलिसकर्मियों ने हूटर और बत्ती अभियान के तहत भाजपा नेता शैलेंद्र त्रिपाठी की गाड़ी को रोक लिया। उनकी गाड़ी में हूटर लगा था और ब्लैक फिल्म चढ़ी थी। चेकिंग के लिए कार रोकते ही भाजपा नेता गाड़ी से उतर कर पुलिस से भिड़ गए। उन्होंगने पुलिस पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बनकर काम करने का भी आरोप लगा दिया। इसके बाद भाजपा नेता के साथ मौजूद उनके भतीजे ने एक पुलिसकर्मी से मोबाइल छीनने का प्रयास किया। कहा- ये वीडियो रिकॉर्ड कर रहा है, दो मिनट में ठीक कर दूंगा। फिर से शैलेंद्र त्रिपाठी ने डांटते हुए कहा- अखिलेश यादव को लाने के लिए काम कर रहे हो न। फिर गाली-गलौज करते हुए पुलिस से अभद्रता शुरू कर दी। पुलिसकर्मी न सिर्फ भाजपा नेता की गुंडागर्दी का शिकार हुए, बल्कि उनकी गाड़ी का चालान तक नहीं कर सके। पुलिसकर्मियों को भाजपा नेता के रसूख के आगे बैक-फुट पर आना पड़ा। इससे झल्लाए पुलिसकर्मियों ने भाजपा नेता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।