—बिठूर के विधायक संग रहने वाले समर्थक से नही पहनी माला
कानपुर। प्रदेश की भाजपा इकाई के भीतर अब नेताओं के बीच अर्न्तद्धन्द सार्वजनिक होना शुरु हो गया है। कानपुर देहात की अकबरपुर लोकसभा से जुडे भाजपा के दो नेताओं जिसमें एक सांसद है और दूसरा विधायक दोनों के बीच चल रहे घमासान कई दिनों से चल रहा है। जिसकी बानगी रविवार को सभी को देखने को सार्वजनिक रूप से मिल गयी जब सांसद देवेंद्र सिंह भोले का रविवार को एक वीडियो सामने आ गया। सांसद के आवास पर स्वादत सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें सांसद ने बिठूर के विधायक संग देखे गए कार्यकर्ता को दुत्कारते हुए वहां से निकल जाने की बात कही जो कुछ ही क्षणों में सोशल मीडिया पर जबरदस्त् तरीके से वायरल हो गयी।
सोशल मीडिया पर वायरल लगभग 39 सेकेंड के वीडियो में सांसद कार्यकर्ता के साथ गाली-गलौज और अभद्रता करते दिखायी दे रहे हैं। बताया यह जा रहा है कि दरअसल, कार्यकर्ता ने उनके सामने उनके कट्टर विरोधी विधायक अभिजीत सिंह सांगा का नाम ले लिया था। इस बात को लेकर वह भड़क गए थे। वीडियो में सांसद एक कार्यक्रम में दिख रहे हैं। तमाम लोग उनको को माला पहना रहे हैं। उनका आशीर्वाद भी ले रहे हैं। सांसद के हाथ में मिठाई के डिब्बे भी हैं। सांसद जी खुद लोगों के सामने मिठाई लेकर खड़े दिख रहे हैं। तमाम मोबाइल के कैमरे ऑन थे, हर कोई सांसद के करीब पहुंचकर अपनी फोटो खिंचवाना चाह रहा था। जिसके चलते मिलने वालों के हाथों में भी मालाएं थीं। इसी बीच जब एक शख्स माला लेकर उनकी ओर बढ़ा, तो सांसद खुद पीछे हट गए और गुस्से में युवक को डांट दिया।
इस बारे में सांसद के पीए मिंटू यादव ने कहा-ये वीडियो इस महीने के पहले हफ्ते का है। सांसद कानपुर अपने कार्यालय पर थे। चुनाव में जीत के बाद लोग उनसे मिलने आए हुए थे। इसी दरमियान सांसद खुद सबको मीठा खिला रहे थे। लेकिन, कार्यालय का एक कर्मी जो आए हुए मेहमानों की पानी और नाश्ता न पूछकर खुद सांसद के साथ माला पहनाकर अपनी फोटो खिंचवाना चाह रहा था। संसद ने इस बात को लेकर डाट दिया कि जो लोग मिलने आए हैं। गर्मी के मौसम में उनका ध्यान ने देकर मुझे माला पहना रहे हो। बतातें चलें कि सांसद देवेंद्र सिंह भोले और भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा एक-दूसरे के कट्टर विरोधी हैं। क्यों कि सांगा भी अकबरपुर लोकसभा से 2 बार से टिकट मांगते हुए दावेदारी कर रहे हैं। पार्टी ने इस बाद दोनों के बीच सुलह भी कराने का प्रयास किया। चुनाव प्रचार के दौरान एक मंच पर भी बैठे थे कि उनमें कोई मतभेद नहीं है। लेकिन, समय-समय पर सच्चाई व दोनों के बीच का विरोध सामने आ ही जाता है।