संवाददाता।
कानपुर। नगर में इंटर कॉलेजों में फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल डीआईओएस दफ्तर के दो बाबुओं की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। दोनों बाबुओं ने फर्जी शिक्षकों की नियुक्तियों में अहम भूमिका निभाई है। पुलिस के पास उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। सिर्फ बाबू ही नहीं, तत्काली डीआईओएस से लेकर कई कर्मचारियों के इस फर्जीवाड़ा में शामिल होने की आशंका है। फिलहाल पुलिस पूरे केस की तेजी से जांच कर रही है। एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार ने बताया कि फर्जी शिक्षक भर्ती कांड में कानपुर डीआईओएस ऑफिस में तैनात कर्मचारियों की भी भूमिका अहम थी। बाबू से लेकर अफसर तक इस केस में शामिल थे। कूटरचित तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति की जानकारी मिलने के बाद भी दबाव बनाकर नियुक्तियां करा दी गईं। डीआईओएस दफ्तर में तैनात दो लिपिक के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। गिरफ्तार सरगना समेत अन्य आरोपियों से पूछताछ में भी इसकी पुष्टि हुई है। इसी आधार पर दोनाें की अरेस्टिंग के लिए दबिश दी जा रही है। पुलिस की टीमें अब उनके नजदीकियों के यहां छापेमारी कर रही हैं। अपर निदेशक (एडी) माध्यमिक शिक्षा की फर्जी ईमेल बनाकर डीआईओएस कानपुर नगर को फर्जी शिक्षकों की भर्ती के लिए नाम का पैनल भेजा गया था। इसी ई-मेल को आधार बनाकर कानपुर डीआईओएस ऑफिस ने अलग-अलग इंटर कॉलेजों में 9 शिक्षकों की नियुक्ति करा दी थी। इसी पैनल में कानपुर के गोविंद नगर स्थित आर्य कन्या इंटर कॉलेज में रिक्षा पांडेय की नियुक्ति की गई थी। तत्कालीन प्रिंसिपल और रिक्षा पांडेय एक ही विषय की थीं। मैनेजमेंट ने नियुक्ति करा दी, लेकिन प्रिंसिपल ने संदेह होने पर मामले का वैरिफिकेशन करने को भेज दिया। विभागीय मिलीभगत होने के चलते एक बार तो मामला दब गया। दूसरी बार फिर से पत्राचार किया गया। ज्वाइंट डायरेक्टर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने वैरिफिकेशन कराया तो पूरा का पूरा पैनल फर्जी पाया गया। जांच के दौरान वर्तमान डीआईओएस अरुण कुमार की तहरीर पर 29 अप्रैल 2024 को फर्जीवाड़ा कर भर्ती किए गए लेक्चरर अरविंद सिंह यादव, स्वाति द्विवेदी, आशीष कुमार पांडेय समेत 9 लोगों के खिलाफ कर्नलगंज थाने में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने जांच की तो फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला परत दर परत खुलता चला गया। अब तक 7 लोगों को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है। कई लोग पुलिस के रडार पर हैं। वाराणसी के जैतपुरा निवासी सरगना व मास्टर माइंड हरेंद्र पांडेय और उसके बेटे प्रकाश पांडेय को अरेस्ट करके 9 जून को जेल भेजा था। हरेंद्र पांडेय चित्रकूट इंटर कॉलेज वाराणसी में गणित के रिटायर शिक्षक और उसका बेटा प्रकाश पांडेय महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में हिंदी का लेक्चरर है। इसके पहले पांच निदेशायल के रिटायर कर्मचारी लाल सिंह, मिर्जापुर के काशी प्रसाद जायसवाल जूनियर हाईस्कूल लाल डिग्गी के मैनेजर दिनेश पांडेय, केवीपीजी डिग्री कालेज मिर्जापुर के लैब टेक्नीशियन अभिनव त्रिपाठी के साथ ही विवेक और शिवम समेत 5 लोगों को पहले जेल भेज चुकी है।