कानपुर। फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से रकम निकालकर व्यापारी को चूना लगाने वाले दो नटवरलालों को बेकनगंज थाने की पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। पुलिस के हत्थेे चढे नटवरलालों पर आरोप है कि दोनों ने फर्जी कागजातों का सहारा लेकर मकान भी हड़पने की कोशिश की थी। पुलिस ने आरोपितों से पूछताछ कर जेल भेज दिया।
बेकनगंज निवासी ओसामा के अनुसार पिता शोएब कई साल पहले मदरसे में शिक्षा लेने गए थे। जहां उनकी मुलाकात बिहार निवासी दो शातिर सुहैल व उसके भाई इमरान से हो गयी। शातिरों ने परिवार की दयनीय स्थिति का झांसा देकर शोएब को झांसे में ले लिया। जिसके बाद वे दोनों को शहर ले आये। जहां उन्होंने शातिरों को अपनी गर्म मसाले की दुकान में काम व रहने के लिए कमरा दे दिया। छह साल पहले शोएब के निधन के बाद नटवरलालों ने खेल करना शुरू कर दिया। एक तरफ जहां परिवार गमगीन था। वहीं शातिर सुहैल व इमरान ने शोएब के फर्जी हस्ताक्षर कर खाते से लाखों रुपये निकालने के बाद अपने बेटे हंजला के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इतना ही नहीं आरोपितों ने फर्जी कागजात का सहारा लेकर व्यापारी का मकान हड़पने की भी कोशिश की। मामले की जानकारी पर बेटे ओसामा के होश उड़ गये। आनन-फानन में पीड़ित परिवार ने तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर आनन्द प्रकाश तिवारी से शिकायत कर आरोपितों पर मुकदमा दर्ज कराया था। उधर , पुलिस मामले में आरोपितों की तलाश में लगी थी। तभी सूचना के आधार पर पुलिस ने रविवार को आरोपी सुहैल बिहारी व उसके भाई इमरान बिहारी को धर दबोच लिया। बेकनगंज इंस्पेक्टर पकंज त्यागी ने बताया कि लैब टेस्ट के दौरान हस्ताक्षर फर्जी पाए गए थे। जिसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। वहीं फरार चल रहे आरोपी हंजला के लिए पुलिस टीम लगी है। जल्द ही वह सलाखों के पीछे होगा।