संवाददाता।
कानपुर। नगर मे सिद्धनाथ मंदिर कॉरिडोर के कई कार्य रुक गए हैं। प्राइवेट जमीन होने की वजह से नंदी की प्रतिमा लगाने से मालिक ने आपत्ति जताई है, और काम रुकवा दिया है। कॉरिडोर में काम कर रहे ठेकेदार मेसर्स नीरज त्रिवेदी ने जोन दो के अधिशाषी अभियंता को बताया है कि दुर्गा मंदिर वाली पट्टी में विद्युत ट्रांसफार्मर अभी तक हटा नहीं है जिससे फुटपाथ का काम भी पूरा नहीं हो सका है। कवर्ड नाली बनाने के एलॉयमेंट में अवरोध आ रहे हैं। नाली के पानी का निस्तारण कहां होना है अभी तक प्लान बनाया नहीं गया है। डिटेल ड्रांइग भी उपलब्ध नहीं हुई है। इन सब समस्या की वजह से कॉरिडोर के निर्माण कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। आनंदेश्वर मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर नगर निगम सिद्धनाथ मंदिर कॉरिडोर का निर्माण करा रहा है। पहले चरण में चार करोड़ रुपए से मंदिर के सुंदरीकरण के साथ पार्किंग और आसपास का विकास कार्य कराया जाना है। द्वितीय चरण में भी चार करोड़ रुपये से फोरलेन सड़क का निर्माण कराया जाएगा। रास्ता चौड़ा करने के साथ ही मंदिर परिसर में सौ चार पहिया वाहन खड़े करने के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है ताकि सड़क पर वाहन न खड़े हों। इसके अलावा आधुनिक लाइटें और बैठने की व्यवस्था की जानी हैं। भक्तों के लिए पेयजल का इंतजाम होगा। नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन के आदेश पर जोन छह के अधिशासी अभियंता दिवाकर भास्कर ने कॉरिडोर के निर्माण के लिए प्रथम चरण में चार करोड़ रुपये का खाका तैयार किया है। दूसरे चरण में जाजमऊ पुलिस स्टेशन से दुर्गा मंदिर तक फोरलेन सड़क का निर्माण और रोशनी की व्यवस्था की जानी है। प्लाजा बनने वाले स्थान पर अतिक्रमण है। फुटपाथ से पोल हटाने थे वह भी नहीं हटे हैं। ठेकेदार को आगणन ने मिलने से क्या कार्य होने है इसकी जानकारी उन्हें नहीं हैं। मंदिर परिसर में पानी की लाइन व ड्रेनेज का प्लान भी अभी तक ठेकेदार को नहीं मिली है। इन समस्याओं की वजह से कॉरिडोर का काम धीमा हो गया है। जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ मंदिर बेहद प्राचीन है। नगर निगम ने करीब आठ करोड़ रुपये से कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को तैयार किया है। नगर आयुक्त ने बताया कि कॉरिडोर के निर्माण के लिए सर्टिफाइड आर्किटेक्ट से सर्वे कराकर टेंडर की कार्यवाही पूरी की गई। अवस्थापना निधि से चार करोड़ रुपये से प्रथम चरण में काम हो रहा है।