जीरो टॉलरेंस पर खाकी के खिलाफ कार्रवाई शुरू पुलिस कमिश्नर की।
संवाददाता।
कानपुर। नगर मे पुलिस कमिश्रनर ने अब जीरो टॉलरेंस पर खाकी वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। रेप, वसूली, घूसखोरी और कोर्ट की अवमानना समेत अन्य मामलों में फंसे 11 पुलिस कर्मियों को पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने गुरुवार रात को सस्पेंड कर दिया। इसमें आठ सब इंस्पेक्टर और तीन कॉन्स्टेबल शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर हरिश्चंद्र ने बताया कि ग्वालटोली थाने के दारोगा अरुण कुमार और सीसामऊ थाने में तैनात हिंमाशु ने बर्रा में नॉनवेज खाने को लेकर ढाबे पर जाकर मारपीट की, इससे पुलिस की छवि खराब हुई। सचेंडी के चकरपुर मंडी चौकी में तैनात दारोगा सत्येंद्र कुमार और सिपाही अजय पर सब्जी विक्रेता सुनील से मुफ्त में सब्जी लेने और न देने पर रुपए मांगकर परेशान करने का आरोप है, जिसके बाद सुनील ने वीडियो फेसबुक पर वीडियो अपलोड कर फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। इस मामले में दरोगा और कांस्टेबल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके चलते इन सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
जूही थाने में तैनात दरोगा कुलदीप यादव ने न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं किया जिससे पुलिस विभाग की छवि धूमिल हुई। रावतपुर थाने में तैनात दारोगा पर शादीशुदा होने के बाद भी युवती को शादी का झांसा देकर रेप करने का आरोप है। दरोगा सचिन मोरल के खिलाफ हरबंशमोहाल थाने में रेप की एफआईआर दर्ज है। काकादेव थानाक्षेत्र के शास्त्री नगर चौकी इंचार्ज पर विवेचना के दौरान पीडि़त से घूस लेने और लापरवाही करने का आरोप है।
रेलबाजार थाने के चौकी फेथफुल गंज चौकी इंचार्ज पंकज जायसवाल पर घूसखाेरी और विवेचनाओं में खेल करने का आरोप है। चकेरी थाने के दारोगा पंकज मिश्रा पर विवेचना में लापरवाही और अनुशासनहीनता का आरोप है। वहीं किदवई नगर थाने में तैनात सिपाही मो. इमरान की कार्यशैली से पुलिस की छवि धूमिल हुई है। घाटमपुर के आरक्षी पैरोकार हरविंदर सिंह पर कोर्ट से फाइल लेकर समय से जमा न करने का आरोप है। इसके चलते इन सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। सचेंडी में सब्जी विक्रेता के सुसाइड कांड में दरोगा और कांस्टेबल के उत्पीड़न के चलते सुसाइड का मामला सामने आया था। इसी तरह हरबंशमोहाल थाने में दरोगा सचिन मोरल के खिलाफ रेप की एफआईआर दर्ज हुई थी। ये तीनों पुलिस कर्मियों के जघन्य अपराध करने के बाद भी किसी की अरेस्टिंग नहीं हो सकी। बाद में सचेंडी के चकरपुर मंडी में तैनात रहे दरोगा और सिपाही को हाईकोर्ट से अरेस्टिंग स्टे मिल गया था । जबकि रेप का आरोपी दरोगा सचिन मोरल अभी भी फरार है।