संवाददाता।
कानपुर। नगर में आयोजित आईएम सीजीपी में शामिल होने आए डॉ. सौरभ पाहुजा ने कहा कि कोरोना काल के बाद से सांस से संबंधित दिक्कतें ज्यादा बढ़ गई है। क्योंकि कोविड में हर कोई इस संक्रमण से कहीं ना कहीं ग्रस्त जरूर हुआ है। भले ही उसने जांच न कराई हो लेकिन वातावरण में संक्रमण होने की वजह से सभी को ये छू के निकला है। इसके कारण लोगों के फेफड़े कमजोर हो रहे हैं। फेफड़ों से संबंधित दिक्कतें अधिक देखने को मिल रही है। अमृता हॉस्पिटल फरीदाबाद के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरभ पाहुजा ने बताया कि अब सांस की बीमारी हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है। पहले के समय में जब बच्चा पैदा होता था तब उसमें निमोनिया जैसी शिकायत होती थी, लेकिन आजकल यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। उन्होंने बताया कि जो बच्चा पैदा हो रहा है उसका भी फेफड़ा काफी कमजोर देखने को मिल रहा है, क्योंकि इस समय वातावरण में काफी प्रदूषण है और गर्भवती मां जब ऐसे वातावरण में घूमती है तो इसका असर बच्चे पर भी पड़ता है। आजकल का खान-पान काफी खराब है। इस कारण भी इसका असर बच्चों में देखने को मिलता है। यदि मां अपना थोड़ा सा ख्याल रखें तो बच्चा स्वस्थ रहेगा। इसके लिए आपको हाई प्रोटीन डाइट के साथ प्रदूषण वाले इलाके से दूर रहना होगा। एक गर्भवती मां के लिए जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक सबसे खतरनाक चीज है। इसका असर बच्चे पर बहुत देखने को मिलता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को जंक फूड से बहुत दूरी बनानी चाहिए। इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी जरूर करते रहना चाहिए और अपने खाने में हाई प्रोटीन डाइट, हरी सब्जियों को जरूर शामिल करें।