संवाददाता।
कानपुर। नगर के बेकनगंज थाना क्षेत्र के एक निजी इंटर कॉलेज आईशा सिद्दीका स्कूल का हठधर्मिता का मामला फिर सामने आया है यहाँ पर स्कूल की फीस नहीं जमा होने पर पहले तो विद्यालय प्रबंधन ने बच्चो को परीक्षा मे बैठने से मना कर दिया इतना ही नहीं जब बच्चो के गरीब अभिभावक विद्यालय टीसी लेने पहुचे तो महीनों परेशान करने के बावजूद अब तक टीसी नही दी जा रही है। बच्चों के माता पिता का आरोप है की हम लोगों ने विद्यालय प्रबंधन से कहा कि हम लोगो को कुछ दिन का समय दीजिये हम लोग विद्यालय शुल्क जमा कर देंगे लेकिन स्थानांतरण पत्र स्कूल द्वारा नहीं दिए जाने के कारण उनके बच्चों का शासकीय विद्यालय में भी दाखिला नहीं मिल पा रहा है। बच्चो के अभिभावक ने बच्चों की शिक्षा पर पढ़ रहे दुष्प्रभाव को लेकर डीएम कानपुर और बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा है। मोहम्मद वासिफ ने बताया कि आयशा सिद्दीकी अंग्रेजी माध्यम स्कूल मे उनके दो बच्चे पढ़ते हैं बड़ा बेटा कक्षा 6 में छोटा बेटा कक्षा 3 में पढ़ता था। वार्षिक परीक्षा समाप्त होने के बाद पुनः स्कूल बच्चों को लेकर पहुँचे तो क्लास टीचर ने प्रिंसपल के कक्ष में खड़ा करा दिया और विद्यालय शुल्क जमा करने का दबाव बनाने लगी और बिना शुल्क चुकता करे रिपोर्ट कार्ड टीसी देने से मना कर दिया बच्चों के पिता ने बताया कि वो एक दैनिक समाचार पत्र में कार्य करते है जो कि पिछले कई वर्षों से कोरोना काल की वजह से कठिनाईयों में है आईशा सिद्दीका स्कूल के रवैये को लेकर बीईओ से मिले पूरे मामले से अवगत कराया परन्तु इसके बावजूद स्कूल के रवैये में कोई बदलाव नही आया इस पर बच्चों के पिता ने स्थानांतरण प्रमाण पत्र की मांग की ताकि बच्चों का शासकीय स्कूल में दाखिला करवा सके फिर भी फीस के बिना स्थानांतरण प्रमाण पत्र देने से इंकार करती रही बच्चों को फीस के नाम पर प्रताड़ित करना अधूरे शिक्षा सत्र में परीक्षा से रोकना फीस की मांग करना कतई जायज नहीं है स्कूल के प्रधानाचार्य से कई बार टीसी देने की गुहार करने के बावजूद स्कूल द्वारा स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है इससे बच्चों के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं निजी स्कूल आयशा सिद्दीका में मनमानी तरीके से एक हज़ार से दो हज़ार तक फीस वसूली जाती है और एनसीईआरटी के बजाय निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदी जाती हैं जो की बहुत ही महंगी है।