November 22, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में नौ शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति का मामला अभी शांत भी नहीं हो पाया था कि दूसरा फर्जीवाड़े सामने आ गया। एक इंटर कॉलेज के बाबू ने अपनी सर्विस बुक में छेड़छाड़ कर अपनी उम्र पांच साल घटवा ली। इस पूरे प्रकरण में डीआईओएस के बाबू की अहम भूमिका बताई जा रही है। यह मामला एक शिक्षक नेता द्वारा बोर्ड में शिकायत करन के बाद खुला। यह पूरा मामला मंधना स्थित बीपीएमजी इंटर कालेज का है। यहां पर सुभाष द्विवेदी नाम के बाबू ने अपनी सर्विस बुक में जन्मवर्ष बदलवाने के लिए 2016 में डीआईओएस को पत्र लिखा था। सुभाष जून 2024 में सेवानिवृत्त होने वाले  थे, लेकिन उन्होंने दस्तावेज में छेड़छाड़ कर अपनी उम्र पांच वर्ष और कम करा ली। यह फाइल डीआईओएस कार्यालय से पास भी हो गई थी। जब मामला खुला तो डीआईओएस अरुण कुमार ने स्कूल के प्रबंधक, प्रधानाचार्य और कर्मचारी को अपने ऑफिस में तलब कर लिया। डीआईओएस ने सभी से पूछताछ की है। बाबू सुभाष द्विवेदी की 1 दिसंबर 1990 उनकी नियुक्ति हुई थी। सर्विस बुक में जन्म वर्ष 1964 लिखा हुआ है। नौकरी करने के 26 साल बाद उन्हें जन्मवर्ष बदलवाने की याद आई और 2016 में पत्र लिखा था। उस पत्र में बाबू ने कहा था कि उनका जन्मवर्ष 1969 है। इसमें 1964 में 4 को 9 बनाने की कोशिश की गई है। डीआईओएस ने जब सुभाष से दस्तावेज मांगे गए तो उन्होंने कक्षा 5 की औरैया की 1969 जन्मवर्ष वाली मार्कशीट दिखाई, जबकि सर्विस के समय उन्होंने कक्षा 8 की इटावा जिले की मार्कशीट लगाई थी। कक्षा 8 वाली मार्कशीट में जन्मवर्ष 1964 दर्ज है। डीआईओएस अरुण कुमार ने बताया कि सर्विस बुक में लगी इटावा की मार्कशीट और कर्मचारी की ओर से दिखाई गई कक्षा 5 की मार्कशीट का काउंटर वेरिफिकेशन कराया जाएगा। दोनों ही स्कूल फिलाहल अभी भी चल रहे है। स्कूलों से काउंटर वेरिफिकेशन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया सर्विस बुक में जन्मवर्ष को 1964 से 1969 करने की बात सामने आई है। यदि मामला सही पाया गया तो बाबू पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

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