संवाददाता।
कानपुर। नगर में कानपुर के चर्चित कुशाग्र अपहरण-हत्याकांड में रायपुरवा थाने की पुलिस ने कोर्ट में आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करने को लेकर प्रार्थना पत्र दिया है। पुलिस ने अपने पत्र में कहा है कि आरोपी जमानत मिलने के बाद केस को प्रभावित करने के साथ ही जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर सकते हैं। आरोपी शिक्षिका रुचिता वत्स की जमानत याचिका पर 9 अप्रैल को कोर्ट में सुनवाई होनी है।आचार्य नगर निवासी हाईस्कूल के छात्र कुशाग्र अपहरण-हत्याकांड की आरोपी ट्यूशन टीचर रचिता वत्स की जमानत को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट ने 9 अप्रैल की तारीख दी है। रायपुरवा थाना प्रभारी संतोष कुमार गौड़ ने बताया कि जमानत याचिका खारिज कराने के लिए उनकी ओर से एडीजे कोर्ट में शनिवार को प्रार्थना पत्र दिया गया है। उन्होंने पत्र में साफ तौर पर लिखा है कि कुशाग्र अपहरण-हत्याकांड एक जघन्य वारदात थी। इसके तीनों आरोपी रचिता वत्स, प्रभात और शिवा उर्फ आर्यन जेल में हैं। तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की भी कार्रवाई की गई है। तीनों आरोपियों को जमानत नहीं दी जाए। अगर जमानत मिली तो तीनों आरोपी इसकी शर्तों का दुरुपयोग कर सकते हैं। अब 9 अप्रैल को सुनवाई के दौरान ही पता चलेगा कि कोर्ट मामले में आरोपियों को जमानत देती है या फिर खारिज करती है। आचार्य नगर निवासी कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया का हाईस्कूल में पढ़ने वाला बेटा कुशाग्र 30 अक्तूबर 2023 की शाम को कोचिंग के लिए निकला था, लेकिन घर नहीं लौटा। रास्ते में उसे ट्यूशन टीचर रचिता वत्स का प्रेमी प्रभात मिल जाता है। वह उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ओमनगर इंद्रकुटी हाता स्थित अपने घर ले गया। घर के बाहर कोठरीनुमा बने कमरे में प्रभात की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद परिवार को लेटर भेजकर 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। इस अपहरण-हत्याकांड में पुलिस ने खुलासा करते हुए मास्टर माइंड ट्यूशन टीचर रचिता वत्स, उसका प्रेमी प्रभात और प्रभात के दोस्त शिवा उर्फ आर्यन को जेल भेजा था। पिछले सप्ताह ही पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की है।