February 5, 2025

संवाददाता।

कानपुर। नगर में इन्फ्लूएंजा वायरस के मरीजों में दिन पर दिन बढ़ोतरी होती जा रही है। इन दिनों हैलट अस्पताल की ओपीडी में लगभग 20% मरीजों में वृद्धि देखी गई है। यह वायरस बहुत तेजी से लोगों पर अटैक कर रहा है, जिन लोगों ने लापरवाही बरती उन मरीजों में दिमागी बुखार का अटैक भी पड़ा है। इमरजेंसी में 5 से 6 मरीज ऐसे आ रहे हैं जिनको दिमागी बुखार का अटैक पड़ा है। ऐसे  मरीजों को डॉक्टरों ने सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। कानपुर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा ने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस जब अटैक करता है तो सबसे पहले मरीज को तेज बुखार आता है। इसके बाद पेट में संक्रमण फैलने लगता है। इन दिनों जो भी मरीज ओपीडी में आ रहे हैं, उनको पेट में दर्द, लूज मोशन, बुखार की समस्या अधिक है। पेट में संक्रमण होने के कारण मरीज खाने-पीने में भी असमर्थ हो जाता है। ऐसे में उसकी शारीरिक क्षमता कम होती जाती है और मरीज बहुत कमजोर हो जाता है। डॉक्टर कुशवाहा ने बताया कि यह बुखार मरीजों के दिमाग पर अटैक कर रहा है। यदि बुखार निरंतर बना हुआ है और दवा खाने के बाद भी उतर नहीं रहा है तो ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। बहुत से मरीज ऐसे आ रहे हैं जिनका बुखार दिमाग पर अटैक कर रहा है। रोजाना 10 से 15 मरीज भर्ती किया जा रहे हैं, जब बुखार आता है तो बहुत से लोग मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खा लेते हैं, लेकिन बुखार नहीं उतरता है। इसलिए बुखार आते ही सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श ले। इसके बाद तत्काल उपचार शुरू करें। डॉ. कुशवाहा ने बताया कि पूरी तरह से बुखार ठीक होने में लगभग एक हफ्ते का समय लगता है। अगर बुखार उतर भी जाए तो दवा बंद नहीं करनी है, क्योंकि यह बुखार दोबारा से भी अटैक कर देता है, जब तक शरीर से वायरस पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता है तब तक निरंतर दवा का सेवन करते रहे। डॉक्टर के मुताबिक जिन लोगों की शारीरिक क्षमता कमजोर होती है और जो बीपी व शुगर के मरीज होते हैं, उन्हें इस वायरस से बच के रहना होगा। भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाने से पहले मास्क जरूर लगा ले, क्योंकि यह वायरस ऐसे मरीजों को जल्दी प्रभावित कर देता है। इसके अलावा 15 साल तक के बच्चों में भी यह वायरस जल्दी अटैक करता है।

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