
संवाददाता।
कानपुर। प्रदेश के मुजफ्फरनगर में यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिका लेकर गए चंदौली के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पूरे यूपी में शिक्षकों के अंदर आक्रोश देखने को मिल रहा हैं। वहीं कानपुर में मंगलवार को शिक्षकों ने संकेतिक धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया। आज किसी भी सेंटर में एक भी कॉपी नहीं जांची गई। वहीं, शिक्षक नेता हेमराज सिंह गौर,आशीष कुमार गुप्ता, संतोष तिवारी समेत कई लोगो ने सेंटर में जाकर वहां पर शिक्षकों के साथ बैठक कर बातचीत भी की। शिक्षकों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती हैं तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। राजकीय शिक्षक संघ कानपुर मंडल के अध्यक्ष आशीष कुमार गुप्ता ने बताया कि कानपुर में लगभग 6.90 लाख कॉपी जांची जानी हैं। मूल्यांकन का कार्य 16 मार्च से चल रहा हैं। कॉपी जांचने के लिए लगभग तीन हजार शिक्षक लगाए गए हैं, लेकिन 2165 शिक्षक कॉपी जांचने का काम कर रहे हैं। कानपुर में सुभाष स्मारक इंटर कॉलेज, हर सहाय जगदम्बा सहाय इंटर कॉलेज, सरयू नारायण बाल विद्यालय, डीएवी इंटर कॉलेज, राजकीय इंटर कॉलेज चुन्नीगंज में मूल्यांकन के लिए सेंटर बनाए गए हैं। आशीष कुमार गुप्ता ने बताया कि कानपुर के शिक्षकों की मांग है कि मृतक के परिवार को 10 करोड़ की आर्थिक मदद की जाए। परिवार के किसी एक सदस्य को राज्य पत्रित नौकरी दी जाएं। उनके बच्चों की शिक्षा के लिए अच्छी व उचित व्यवस्था की जाए। परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। इसके साथ ही परिवार को एक सरकारी आवास भी दिया जाए। जब तक इन मांगों को नहीं मांगा जाएगा तब तक इस प्रदर्शन को जारी रखेंगे। हालांकि अभी यह प्रदर्शन केवल एक दिवसीय था, आगे की रूप रेखा हम लोग तैयार करेंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षणेत्तर एसोसिएशन के महामंत्री संतोष तिवारी ने कहा कि इस घटना से सभी शिक्षक बहुत दुखी हैं। इन मांगों के साथ हमारी सबसे अहम मांग है कि उत्तर पुस्तिकाए भिजवाने में किसी शिक्षक, बाबू या कर्मचारी की ड्यूटी नहीं लगाई जाए। इसके लिए सरकार को अलग व्यवस्था करनी होगी। आज संकेतिक धरने में जनपदीय अध्यक्ष श्रवण कुमार बाजपेई, महामंत्री वरुण दीक्षित, अशोक कुमार शुक्ला, सुमित मिश्रा, संतोष अग्निहोत्री, कौशलेंद्र आदि लोग मौजूद रहे।