
संवाददाता।
कानपुर। नगर में कानून में बदलाव के बाद पुलिस अफसर भी खुद को अपडेट कर सकें। इसे लेकर कानपुर में नए कानून को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2022 की जानकारी दी गई। इससे पुलिस कर्मी नए कानून को समझ सकें और इसी आधार पर पब्लिक के साथ न्याय कर सकें। कानून को लेकर पुलिस ऑफिस में आयोजित की गई कार्यशाला का मुख्य अतिथि अपर निदेशक अभियोजन कानपुर जोन सुरेश कुमार पाठक ने किया। उन्होंने बताया कि अब इंडियन पीनल कोड की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा। नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव होगा। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली आईपीसी की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी। इसके साथ ही अन्य जानकारी भी दी। वहीं मुख्य वक्ता संयुक्त निदेशक अभियोजन कुंवर विक्रम सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों पर विस्तार से बताया। ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी अजय कुमार श्रीवास्तव ने भारतीय न्याय संहिता पर व्याख्यान दिया। इसके बाद सहायक अभियोजन अधिकारी सौरभ कुमार चौरसिया और अजय बहादुर यादव ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर परिचर्चा की। कार्यशाला मे जनपद के जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) श्दिलीप अवस्थी, उनके सहयोगी विशेष लोक अभियोजकों समेत पुलिस कर्मी मौजूद रहे।