
संवाददाता।
कानपुर। नगर में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के तहत जलागम विकास घटक परियोजना में भूमि संरक्षण विभाग के बाबू ने बड़ा फर्जीवाड़ा कर दिया। घाटमपुर ब्लाक के बावन ग्राम पंचायत में बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने में जिन फर्मों से काम कराया गया था। उनको भुगतान न करके प्रधान अरविन्द और परियोजना प्रभारी के फर्जी हस्ताक्षर करके अपने करीबी व्यक्ति के खाते में करीब 6 लाख रुपए का भुगतान कर दिया और कागजों में पूरा भुगतान दिखा दिया। इसकी भनक विभाग के अधिकारियों तक नहीं हुई। जब फर्म संचालकों ने भुगतान की मांग की तो मामला खुला। भूमि संरक्षण विभाग के तहत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाईं योजना के तहत जलागम विकास घटक परियोजना का संचालन बीते दो वर्षों से किया जा रहा है। इसके तहत गंगा किनारे बसे गांव की ऊसर बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने का काम किया जाता है। इसमें विभाग मेड़बंदी, तालाब खुदाई एवं अन्य कराता है। इस योजना के तहत वर्ष 2022 में घाटमपुर ब्लाक के बावन ग्राम पंचायत के महरौली किरार, अनोइया, कोरियां गांव की करीब 750 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई थी। जिसकी डीपीआर बनाकर फाइल तत्कालीन जिलाधिकारी विशाख जी के सामने प्रस्तुत की गई थी। फाइल अनुमोदन मिलने के बाद विभाग ने ऊसर भूमि पर कार्य शुरू करा दिया था। करीब 13 लाख रुपए का योजना में खर्च हुए। शासन से जारी धनराशि में विभाग के बाबू ने करीब 7 लाख रुपए फर्मों के खाते में भेजा। इसके अलावा करीब 6 लाख रुपए प्रधान और परियोजना प्रभारी के फर्जी हस्ताक्षर करके अपने करीबी के खाते में धीरे-धीरे करके दो माह में भेज दिया। इसकी भनक तक किसी को नहीं लगी। जबकि फर्मों को पूरा भुगतान करने की बात बता दी। एक माह बीतने के बाद भी फर्मों को भुगतान न होने पर लोगों ने भूमि संरक्षण अधिकारी और प्रधान से भुगतान करने की गुहार लगाई। भुगतान न होने पर अधिकारी ने बाबू से पूछताछ शुरू की जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। अब विभाग के अधिकारी मामले को दबाने में लग गए। सूत्रों ने बताया कि मामले का खुलाला होने के बाद बाबू कार्यालय की अलमारियों में ताला डालकर बाबू गायब हो गया है। अब विभाग के अधिकारी प्रधान को कहीं पर शिकायत न करने की बात कहकर धनराशि वापस कराने भरोसा दे रहे हैं। साथ ही मामले की जांच कराने की बात भी कह रहे हैं। प्रधान अरविन्द कुमार ने बताया कि दो माह में बाबू धीरे-धीरे फर्जी हस्ताक्षर करके 6 लाख रुपए का भुगतान किया है। जब फर्म के लोगों ने भुगतान कराने गुहार लगाई तो अधिकारियों से जानकारी ली तो पता चला कि पैसा तो पूरा दे दिया गया। विभाग के अधिकारी कुछ बता नहीं रहे हैं। उनका कहना है कि मामले की जांच हो रही धनराशि वापस कराई जाएगी। अब बाबू के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। मामले में भूमि संरक्षण अधिकारी आरपी कुशवाहा ने बताया कि जानकारी अभी नहीं हो सकी है। इसकी जांच कराऊंगा, अगर फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कर धनराशि निकाली गई तो बाबू के खिलाफ कार्रवाई होगी।