July 3, 2025

संवाददाता।
कानपुर। नगर में पुलिस कमिश्नरेट के फीलखाना थाने में तैनात दलित दरोगा आत्माराम वर्मा ने वीडियो जारी करते हुए दलित उत्पीड़न का आरोप लगाया है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने दरोगा को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ ही दरोगा की ओर से लगाए गए आरोप की जांच के लिए एसीपी कोतवाली अर्चना सिंह को मामले की जांच सौंपी है। फीलखाना थाने में तैनात दरोगा आत्माराम वर्मा ने 2.05 मिनट का अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस वीडियो में उन्होंने कहा कि मेरे साथ अन्याय हो रहा है। थाने में तैनात एसआई अरुण कुमार सिंह, संतोष यादव, कांस्टेबल सुमित बादल मुझे परेशान कर रहे हैं। जातिसूचक शब्दों से गालियां दी गयीं । एक माह पहले की घटना है। इस पर एसके सिंह इंस्पेक्टर से बताया और एसीपी अर्चना सिंह से भी बात की लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। कार्रवाई करने की बजाए एसीपी अर्चना सिंह ने थाने पर सबको इकट्ठा कर डांटा-फटकारा। इसके बाद मुझे कांस्टेबल और संतोष ने मां की गालियां दी। अरुण ने कहा कि ऐसे ही गाली खाते रहोगे, कमरा खाली कर दो। वीडियो में दरोगा ने कहा कि रात में ड्यूटी लगाई जाती है एक दो घंटे के लिए आराम करता हूं। मैं कोरी जाति का हूं, इसलिए इंस्पेक्टर रविन्द्र प्रताप सिंह मुझे परेशान कर रहे हैं। कह रहे हैं खाली कर दो कमरा नहीं तो तुम्हें जेल भेज दूंगा। डीसीपी श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि दरोगा खुद बहुत लड़ाका किस्म का है। चौकी में एक कमरे में जबरन कब्जा कर रखा है। दरोगा के आरोप की जांच की जा रही है। जांच के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी। दरोगा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सिर्फ कानपुर ही नहीं उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात दलित पुलिस कर्मियों में असंतोष जाग उठा है। सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिली है । इसके चलते कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया। पुलिस अफसरों की मानें तो दरोगा को अगर कोई समस्या थी तो विभागीय अफसरों से शिकायत करनी चाहिए थी। वीडियो वायरल करके पुलिस विभाग के नियमों का उल्लंघन किया गया है। 

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