August 4, 2025

संवाददाता

कानपुर।  यमुना नदी का जलस्तर अब स्थिर हो गया है और धीरे-धीरे घटने की उम्मीद जताई जा रही है। जलस्तर का बढ़ाव थमने के साथ ही लोगों के चेहरों पर राहत नजर आ रही है। हालांकि खतरा अभी टला नहीं है, इसलिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। घाटमपुर तहसील क्षेत्र में तटवर्ती गांवों में रात के समय एसडीएम समेत कई अधिकारी पेट्रोलिंग कर रहे हैं।
कटरी गांव में गंगा राम इंटर कॉलेज को बाढ़ राहत शिविर में तब्दील किया गया है। यहां करीब 25 बाढ़ प्रभावित परिवार रह रहे हैं। सुबह- शाम प्रशासन भोजन की व्यवस्था कर रहा है। 
यमुना के बढ़े हुए जलस्तर से कटरी, गड़ाथा, अमीरतेपुर, हरदौली, मऊ नखत, अकबरपुर बीरबल सहित कई गांवों की हजारों बीघे फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं। खेतों में खड़ी धान, उड़द, अरहर, मक्का जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
बाढ़ का पानी गांवों में इस कदर भर गया है कि लोगों ने अपने घरों की छतों को ही अस्थाई ठिकाना बना लिया है। छतों पर पन्नी तानकर सामान रखा गया है और वहीं पर लोग रह रहे हैं। प्रशासन लोगों से राहत शिविर में आकर रहने की अपील कर रहा है। लेकिन लोग अपने घरों से हटने को तैयार नहीं हैं।
कटरी गांव के प्रधान प्रहलाद सिंह और सचिव आलोक कुमार राहत कार्यों में जुटे हैं। उन्होंने प्रशासन के साथ मिलकर सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए लोगों के लिए भोजन और अन्य जरूरी चीजों की व्यवस्था की है। स्थानीय लोग व्यवस्था से संतुष्ट है।
ग्राम प्रधान प्रहलाद सिंह ने बताया कि गांव की गोशाला डूब चुकी है, लेकिन समय रहते वहां से 75 मवेशियों को सुरक्षित निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है।
अकबरपुर से सांसद देवेंद्र सिंह भोले, घाटमपुर के एसडीएम अविचल प्रताप सिंह और तहसीलदार अंकिता पाठक ने गढ़ाथा गांव पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी। सांसद ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर संभव मदद उपलब्ध कराएगी।
इस मौके पर अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और निर्देश दिए कि किसी भी जरूरतमंद को भोजन, दवा और आश्रय में कोई कमी न हो।
घाटमपुर एसडीएम अविचल प्रताप सिंह ने बताया कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद फसलों और संपत्ति के नुकसान का आकलन कराया जाएगा। इसके बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिससे किसानों और ग्रामीणों को उचित मुआवजा मिल सके।
उन्होंने कहा कि फिलहाल सबसे जरूरी है कि लोग सुरक्षित स्थानों पर रहें और बाढ़ के पानी से दूर रहें। प्रशासन की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और हर संभव सहायता दे रही हैं।
घाटमपुर एसडीएम अविचल प्रताप सिंह ने बताया कि गढ़ाथा, अमीरतेपुर और कटरी गांवों में यमुना नदी का पानी घरों में घुस गया है। वह स्वयं रात में अधिकारियों के साथ लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ चौकियां और राहत आश्रय स्थल बनाए गए हैं, जहां प्रशासन की ओर से भोजन, पानी और ठहरने की पूरी व्यवस्था की गई है। तटवर्ती गांवों के लोगों को लगातार सुरक्षित स्थानों पर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 103.3 मीटर से ऊपर 107.2 मीटर तक पहुंच गया था, जो स्थिर होकर अब भी 107.2 मीटर पर बना हुआ है।
हालांकि, पानी घटने की संभावना है, लेकिन अगले कुछ दिन संवेदनशील माने जा रहे हैं। प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।