
आज़ाद संवाददाता
कानपुर। संघ प्रमुख मोहन भागवत कानपुर में हैं। रविवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यकर्ता विकास वर्ग में शामिल हुए और सुबह 5 बजे नवाबगंज स्थित दीनदयाल विद्यालय में प्रशिक्षण वर्ग के लोगों के साथ शाखा में शिरकत की।
उन्होंने कहा कि संघ की ओर समाज हित में किए गए कार्यों से जुड़े साहित्यों को हर घर तक पहुंचाना है। साथ ही पंच परिवर्तन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी हिंदुओं को एकजुट करने का काम करना है। हर घर में संस्कार हो और लोग परिवार में एकजुट हो। जिससे सनातन परंपरा को हर घर में दोबारा स्थापित किया जा सके।
21 मई से कानपुर में प्रशिक्षण वर्ग के तहत स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसका समापन 10 जून को होगा। क्षेत्रीय कार्यकर्ता विकास वर्ग मे संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंचे। सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी इस प्रशिक्षण वर्ग में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं।
रविवार सुबह मोहन भागवत ने प्रशिक्षण ले रहे 400 से अधिक स्वयंसेवकों को समाज में संघ की विचारधारा को किस तरह से प्रचारित करना है, इस संबंध में बताया। इसके अलावा आसपास के वातावरण को किस तरह से अनुकूल बनाकर आगे बढ़ना है। उन्होंने सेवा बस्तियों में चल रहीं संघ की गतिविधियों का संचालन करने जैसे तमाम पहलुओं पर चर्चा की।
संघ प्रमुख ने शताब्दी वर्ष में संघ की शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह-शाम लगने वाली शाखाओं की संख्या बढ़ाने पर जोर देने को कहा। इस कार्य के लिए संघ की सभी प्रांतीय इकाइयों को भी जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए भी उन्होंने पदाधिकारियों से बातचीत की।
कानपुर प्रांत इकाई की ओर से इस बीच मेहरबान सिंह का पुरवा में भी एक प्रशिक्षण वर्ग चल रहा है। इसमें आसपास के जिलों के स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। संघ प्रमुख के साथ सुबह शाखा में प्रचारक अनिल, प्रांत संघ चालक भवानी भीख, प्रांत प्रचारक श्रीराम, प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. अनुपम सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
मोहन भागवत ने कुटुंब प्रबोधन और पर्यावरण संरक्षण गतिविधि को लेकर अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख, क्षेत्र प्रचारक, प्रांत प्रचारकों के साथ बैठक की।
बैठक में मोहन भागवत ने प्रांत में गतिविधि के चल रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की।
कुटुंब प्रबोधन गतिविधि का कार्य 5 बिन्दुओं के आधार पर चलता है भजन, भोजन, भवन, भाषा, भ्रमण। सरसंघचालक ने कहा हमारी संस्कृति दुनिया में मार्गदर्शन का केंद्र बिंदु रही है। भारत दुनिया में विश्व गुरु के स्थान पर रहे हैं और आज फिर विश्व में लोग भारत की रीति नीति परंपरा संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
कुंभ में हमने यह दृश्य देखा हमारी संस्कृति संवेदना की है हमारे परिवार की जो कल्पना है, वह सुरक्षित रहे, संस्कृति सुरक्षित बनी रहे। मोहन भागवत ने संदेश दिया कि हिंदू परिवार दिन में एक बार साथ बैठकर खाना जरूर खाएं। अपनी मातृभाषा में बात करें और घर ऐसा बनाएं जो हिंदू घर लगे।