July 27, 2024


कानपुर। यूपीसीए की आन्‍तरिक कलह अब बीसीसीआई के सचिव जयशाह तक पहुंच गयी है विवादों को विराम देने के लिए संघ के असन्‍तुष्‍ट सदस्‍यों ने पहले भी उनको प्रार्थना पत्र भेजा है। इस बार शिकायतों का पुलिन्‍दा और मुददा अधिक और बेहद ही गंभीर है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव और भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोेल बोर्ड के दो बार उपाध्‍यक्ष रह चुके राजीव शुक्‍ला को उनके पद से मुक्‍त करने के लिए एपेक्‍स सदस्‍य अर्चना मिश्रा ने सचिव जय शाह को प्रार्थना पत्र भेजा है। उन्‍होंनें -बीसीसीआई सचिव को उन नियमों का उल्‍लंघन करने की शिकायत भी दर्ज करवायी है जिससे नियम 3(बी)(1)(1) और बीसीसीआई नियम 6(5)(0) के तहत राजीव शुक्ला की अयोग्य घोषित किया जा सकता है।गौरतलब है कि लोढा समिति की सिफारिशों के मददेनजर वह नियमों का उल्‍लंघन कर रहें है जिसमें साफ तौर पर अंकित है कि (ए) भारत का नागरिक नहीं है;(बी) 70 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुका है(सी) दिवालिया या विकृत दिमाग घोषित या गया है;(डी) एक मंत्री या सरकारी सेवक है; (ई) 9 वर्षों की संचयी अवधि के लिए बीसीसीआई का पदाधिकारी रहा है; या
(एफ) को किसी आपराधिक अपराध के लिए अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया है और कारावास की सजा सुनाई गई है।”जहां तक राजीव शुक्ला के बीसीसीआई में किसी भी पद पर रहने का सवाल है, राजीव शुक्ला ने पहले सभी 6 वर्षों में प्रत्येक वर्ष के 3 कार्यकाल पूरे किए थे (लोढ़ा सुधारों से पहले, बीसीसीआई पदाधिकारी का 1 कार्यकाल 2 साल के लिए था) और फिर राजीव शुक्ला को 24 दिसंबर 2020 को बीसीसीआई उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया और फिर 18 अक्टूबर 2022 को फिर से बीसीसीआई उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया, इस लिहाज से , राजीव शुक्ला 24 दिसंबर 2023 को बीसीसीआई पदाधिकारी के रूप में 9 साल का संचयी कार्यकाल पूरा करेंगे। , भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 14 सितंबर 2022 के तहत, बीसीसीआई नियम 6(5) (ई) के तहत देश के कानून द्वारा अनुमोदित “भारत का सर्वोच्च न्यायालय” निम्नानुसार दर्शाता है -कि 4 सितंबर 2022 के फैसले के जरिए बीसीसीआई नियम 6(5) में संशोधन किया गया, जो 14 सितंबर 2022 से प्रभावी होगा। किसी व्यक्ति को पदाधिकारी, एपेक्स काउंसिल, गवर्निंग काउंसिल या बीसीसीआई की किसी भी समिति का सदस्य होने से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। एपेक्‍स सदस्‍य अर्चना मिश्रा ने सचिव से प्रार्थना पत्र भेजकर राजीव शुक्‍ला को पदमुक्‍त करते हुए उनका कार्यकाल न बढाने की मांग उठायी है।

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