संवाददाता।
कानपुर | उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव के सचिव की टीम के सदस्य अभी भी जूनियर से लेकर सीनियर क्रिकेट टीमों का संचालन अपने हाथों में लिए हुए हैं। केवल खानापूर्ति के लिए ही टीमों में अन्य लोगों को रखा गया है जो मात्र संख्या बल बढाने के लिए देखें जा सकते हैं। बीते कई सालों से प्रदेश की क्रिकेट टीमों में चयन प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों पर पूरी तरह से विराम तो नही लग सका है हां यह अवश्य ही कहा जा सकता है कि अब कदम बहुत ही फूंक-फूंककर उठाए जा रहें हैं। चयन प्रकिया में धांधली को लेकर हो चुकी प्रदेश संघ की किरकिरी को लेकर सीनियर आला अधिकारी सभी अधीनस्थों को पूरी तरह से शान्त होकर कार्य करने के लिए प्रेरित करने का कार्य कर रहे हैं या फिर ये कहा जाए कि समिति में किए गए बदलाव क्रिकेट जगत में शायद छलावा देने के लिए जाहिर किए गए हैं | गौरतलब है कि बीते कई सालों से उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की चयन समिति में पैसे लेकर टीम में शामिल किए जाने का आरोप प्रदेश के कई अन्य जिलों के खिलाड़ियों ने लगाया था | जिस को सही साबित मानते हुए एक और पूर्व सचिव ने लगभग सभी को हटाने का निर्णय भी कर लिया था लेकिन पूर्व सचिव के सचिव ने अपनी टीम के सदस्यों को सभी टीमों के साथ शामिल करवाने का काम किया है। टीम को चलाने से लेकर खिलाने और सपोर्टिंग स्टाफ तक में अपने लोगों को रखकर प्लेइंग इलेविन को तैयार करने का काम उनके सिपहसलार बखूबी कर रहें हैं। किसी टीम में उनका कोई सदस्य कोच तो कोई मैनेजर और कोई सपोर्ट स्टाफ में देखा जा सकता है। हालांकि यह सब खेल आमतौर पर दिखायी नही देता लेकिन क्रिकेट के जानकारों के मुताबिक ये सब निरन्तर जारी है। लेकिन इन सबके बीच यह अच्छी बात है कि टीम प्रदर्शन कर रहीं हैं जिससे संघ की बदनामी नही हो पा रही है। गौरतलब ये भी है कि पूर्व सचिव के सचिव को चयनकर्ता अपनी रिपोर्ट प्रेषित करने का काम कर रहे हैं |क्रिकेट जगत में चर्चा है कि पूर्व सचिव के खासम खास टीम चुनने के लिए एक बार फिर से अपने वीटो पावर का प्रयोग लगातार करते आ रहे हैं |
मैचों के दौरान कभी चयनकर्ता क्रिकेटरों को समझाने मैदान पर चले जाते हैं तो कभी होटलों पर उन खिलाडियों को कमरों में चाय के साथ यूपीसीए के एक सदस्य के मुताबिक कुछ चुनिन्दा् लोगों के लिए गए निर्णयों से संघ की ओर से नए कार्य कर दिए गए जिससे छवि बिगडती आ रही है। अब आलाकमान को चाहिए कि वह जल्द ही उन लोगों के खिलाफ कडे कदम उठाए जिससे आने वाले समय में संघ एक बार फिर से अपने पुराने स्वरूप में वापस दिखायी दे। इस मामले में बात करने के लिए संघ का कोई भी पदाधिकारी फोन तक नही उठा रहा है।