December 3, 2024

कानपुर। एसबीआई शाखा प्रबंधक की पूर्व बैंक प्रबंधक पर खाता धारको के पीएफ खातों में हेरफर करके एक करोड़ से अधिक  रकम का गबन करने के खिलाफ  एफआईआर पर  सीसामऊ पुलिस ने 1 करोड़ के गबन करने के मामले में एसबीआई  के पूर्व मैनेजर और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया। शातिर महिला बैंक मैनेजर ने पीपीएफ अकाउंट होल्डरों के खातों में हेराफेरी की। इसके बाद अपनी पति के रिश्तेदारों और नजदीकियों के अकाउंट में रकम ट्रांसफर कर दी।
ब्रांच मैनेजर की जांच में पूरा खुलासा हुआ, तब एसबीआई के वर्तमान मैनेजर ने पूर्व महिला मैनेजर के खिलाफ के खिलाफ गबन की एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस की जांच में आरोप सही पाए और सीसामऊ पुलिस ने पूर्व ब्रांच मैनेजर ज्योति यादव और उसके पति को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
एसबीआई की जीटी रोड शाखा मैनेजर प्रवीण कुमार ने जनवरी-2022 में सफीपुर बंगाली कॉलोनी निवासी पूर्व ब्रांच मैनेजर ज्योति यादव पर खाता धारकों के पीएफ अकाउंट से छेड़छाड़ कर 1 करोड़ 78 हजार गबन करने का आरोप लगाया था। मामले में छह जनवरी, 2024 को सीसामऊ थाने में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। तब से ज्योति और उसका पति फरार था।
पूर्व ब्रांच मैनेजर ज्योति यादव ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खाताधारक ललिता देवी, श्यामा गुप्ता, संत अग्रवाल, गणेश मिश्रा के खाते की रकम अपने पति राहुल यादव और अन्य सहयोगी शीला तिवारी, शैलेंद्र कुमार, ममता पाल के खाते में ट्रांसफर की थी। साथ ही पति की फर्म में भी कुछ रकम लगाई थी।
बैंक मैनेजर ज्योति ने सात जनवरी 2021 से 18 सितंबर 2023 के बीच चार पीपीएफ खातों से रकम निकाली। इस मामले की जांच तीन अक्तूबर से हो रही थी मगर किसी खाताधारक को यह नहीं बताया गया कि उनके खातों से रकम निकाली गई है। वहीं दूसरी तरफ एसबीआई के डीजीएम राजीव रावत ने बताया कि ज्योति जहां-जहां तैनात रही हैं, उनके कार्यकाल के दौरान हर एक बैंक की जांच की जा रही है।
सीसामऊ थाना प्रभारी हिमांशु चौधरी ने बताया कि धोखाधड़ी के मामले में आरोपित पूर्व ब्रांच मैनेजर और पति को गिरफ्तार जेल भेज दिया गया है। अन्य आरोपितों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
सीसामऊ थाना प्रभारी ने बताया कि शातिर ज्योति यादव ने जिन खातों में मोटी रकम थी, लेकिन मोबाइल नंबर नहीं थे, उन्हीं को टारगेट पर लिया। ताकि रकम ट्रांसफर होने के बाद भी अकाउंट होल्डर के पास कोई मैसेज नोटिफिकेशन नहीं पहुंचे। निकाली गई रकम को फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षर के जरिए पति राहुल सिंह यादव की फर्म स्काई लाइन इंस्टीट्यूट के खाते में ट्रांसफर कर दिया।
संत अग्रवाल और उनकी पत्नी ललिता देवी अग्रवाल के खातों में 42 लाख से ज्यादा रुपये जमा थे। ज्योति ने ललिता देवी अग्रवाल के खाते को सात जनवरी 2021 को बेटे विनोद कुमार अग्रवाल के पक्ष में नॉमिनेट किया। इसके बाद खाते को 15 सितंबर 2023 को बंद कर 12,16,452 रुपये शैलेंद्र कुमार तिवारी व शीला तिवारी के खाते में ट्रांसफर किए। फिर यह रकम अपने पति के खाते में ट्रांसफर कर ली। संत अग्रवाल के खाते को ममता पाल के खाते में मर्ज कर 30,86,617 रुपये एक जुलाई 2023 को अपने पति के खाते में ट्रांसफर कर दिए। गणेश मिश्रा के खाते से 15 अप्रैल 2023 को 15,78,010 रुपये भी अपने पति के खाते में ट्रांसफर किए।