January 18, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट में बीते कई सालों से टीमों का चयन किसी के ‘नशे’ मन की आदतों के चलते माना जा रहा है। हर आयु वर्ग की टीमों का प्रदर्शन साल दर साल बेहतर होने के बजाय बेहद ही लचीला और शर्मनाक होता जा रहा है। कभी देश की सर्वश्रेष्ठ टीमों में शुमार प्रदेश की टीमें अब किसी भी प्रतियोगिता और चैम्पियनशिप में कभी भी क्वार्टर फाइनल से आगे बढ नही पा रही है। इसके पीछे का कारण ढूंढने के बजाए पदाधिकारी एक दूसरे पर तोहमत और इल्जाम लगाते हुए अपनों को टीम की चयन प्रक्रिया और उसके सपोर्टिंग स्टाफ में शामिल करवाने में कोई कोर कसर नही छोडते। इसका परिणाम भी टीमों के प्रदर्शन पर पडता साफ तौर दिखायी देने लग गया है। 

टीमों के प्रदर्शन से आहत यूपीसीए के एक पदाधिकारी के अनुसार कभी टीमों में शामिल किए जाने के लिए खिलाडी कम पड जाते थे। अब आलम यह हो गया है कि दो टीमों के बराबर खिलाडियों को दौरे पर भेजा जाने लगा है, क्यों कि संघ में अब एक नही कई निदेशक और पदाधिकारी अपने चहेते और मिलने वाले खिलाडियों को टीम में शामिल करवाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। हद तो तब और हो गयी जब पुराने चयनकर्ताओं की चुनी गयी टीमों में भी कई निदेशकों ने हस्तक्षेप कर अपने लोगों को शामिल करवाने के लिए चयनकर्ताओं की ही छुटटी कर ‘नशे’ मन से चूर प्रदेश के पूर्व हठधर्मी कप्तान को ही मुख्य चयनकर्ता बना डाला। 

एक निदेशक ने अपना वीटो पावर प्रयोग कर पूर्व खिलाडी जिसकी वर्तमान खिलाडियों से कभी बनी ही नही उसे मुख्य चयनकर्ता के पद पर नियुक्त करने का साहस दिखा डाला। 

यूपीसीए के सूत्र बतातें हैं मुख्य चयनकर्ता के लिए मेरठ की ही एक गेंदबाज जिसे वह कल तक अपना सबसे बडा प्रतिद्धन्दी बतातें आ रहे थे वह आज उसे अपना बच्चा बताने से गुरेज नही करते। मुख्य चयनकर्ता का मानना था कि भारतीय टीम से बाहर निकलवाने में मेरठ के ही उस गेंदबाज ने मुख्य किरदार की भूमिका निभायी थी। यूपीसीए के कई निदेशकों के साथ ही पदाधिकारियों और चयनकर्ताओं के ‘नशे’ मन का प्रभाव अब टीमों के अलावा अतिरिक्त खिलाडियों पर भी पडता दिखायी दे रहा है। गौरतलब है कि जिन क्रिकेटरों को मुख्य  टीम में स्थान नही दिया जाता उन्हे नेट बॉलर या तो फिर स्टैण्ड बाई में रखकर टीम के साथ भ्रमण करवाया जा रहा है जिसका जीता जागता सबूत प्रदेश के स्टार क्रिकेट अंकित राजपूत के सन्‍यास को  माना जा रहा है जिसे स्टैण्ड बाई में चुने जाने की हिमाकत भी चयनकर्ताओं ने कर डाली जिसके चलते शायद उन्होंने क्रिकेट को ही अलविदा कह डाला। यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि सभी बातों को गंभीरता से देखा जा रहा है समय आने पर निष्कर्ष निकाला जाएगा।